KANPUR NEWS : राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत जिला महिला चिकित्सालय, डफरिन में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में गुरुवार को क्षयरोगियों के लिए एक सराहनीय पहल की गई। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कानपुर मंडल डॉ. संजू अग्रवाल व जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. आरपी मिश्रा के दिशा निर्देश में करीब 22 टीबी मरीजों को गोद लिया गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि टीबी के इलाज में जितना जरूरी दवाओं का सेवन होता है उतना ही जरूरी होता है पौष्टिक प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। डीटीसी टीओ सागर पाण्डेय ने बताया कि सभी टीबी मरीजों को यह प्रति महीने वितरति की जाएगी।
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सभी डॉक्टरों ने एक-एक मरीज को लिया गोद
अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सहित चिकित्सालय के 22 डॉक्टरों ने क्षयरोगियों को गोद लिया। निक्षय मित्र के रूप में इन सभी को प्रमाण पत्र भी दिया गया। अब लगातार छह महीने तक इन सभी क्षयरोगियों को पौष्टिक पोषण के लिए पोषण सामग्री उपलब्ध कराई जाती रहेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपर निदेशक ने कहा कि देश को वर्ष 2025 तक क्षय मुक्त बनाने को लेकर प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने के लिए जनपद में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमन्त्री के आह्वान का सहयोग करे
संयुक्त निदेशक डॉ. जीके मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने साल 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसलिए समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि वह टीबी उन्मूलन में प्रधानमंत्री ने जो आह्वान किया है उसका सहयोग करे।
ये होते है बीमारी के मुख्य लक्षण
डीटीओ ने कहा कि दो हफ्ते या इससे ज्यादा समय की खांसी, बार बार बुखार आना, वजन में लगातार कमी, भूख न लगना, रात में पसीना आना और सीने में दर्द इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
उन्होंने टीबी रोगियों से कहा कि आपके घर में और आस पास लोगों को जागरूक करें कि टीबी छुआछूत की बीमारी नहीं है। पूरा इलाज करने से यह पूरी तरह ठीक हो जाती है। स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच और इलाज निशुल्क है।
मरीजों की सेहत का ध्यान रखा जाएगा
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीमा श्रीवास्तव ने कहा कि गोद लिए मरीजों को हर महीने पोषण पोटली उपलब्ध कराई जाएगी। उनकी सुख सुविधाओं के साथ सेहत का ख्याल रखा जाएगा। ये बेहद जरूरी है कि क्षय रोगियों को प्रोटीन, विटामिन युक्त आहार मिलता रहे, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में काफी मदद मिलेगी।
इन डॉक्टरों ने मरीजों को लिया गोद
अपर निदेशक डॉ. संजू अग्रवाल, संयुक्त निदेशक डॉ. जीके मिश्रा, जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. आरपी मिश्रा, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीमा श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रूचि जैन, डॉ. आरके गुप्ता, डॉ. सुभा मिश्रा, डॉ. शिव कुमार, डॉ. कल्पना चतुर्वेदी, डॉ. शलकु रावत, डॉ. रवि प्रकाश, डॉ. जेपी सिंह, डॉ. आशा देवी, डॉ. अरविन्द यादव, डॉ. प्रशांत सिंह, डॉ. सुनीता सिंह, डॉ. मंजू सचान, डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, डॉ. कुलदीप यादव, डॉ. रीता गुप्ता, डॉ. एके तिवारी, डॉ. अभिषेक गुप्ता ने मरीजों को गोद लिया।