KANPUR NEWS : एक दिव्यांग विभाग के गलती की वजह से चार सालों से अपने आशियाने के लिए सरकारी दफ्तर के चक्कर काट रहा था। जब मामला डीएम (DM Jitendra Pratap Singh) के संज्ञान में आया तो उन्होंने संबंधित विभाग को फटकार लगाई। KANPUR NEWS
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उसके बाद जो काम 4 साल से नहीं हो रहा था वो काम 4 घंटों में हो गया। आखिकार जब दिव्यांग को आशियाना मिला तो उसकी आँखें भर आई।
कानपुर के सर्वेश कुमार सिंह रावतपुर गांव के निवासी है। सर्वेश तकरीबन 100 प्रतिशत दिव्यांग है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर के लिए डूडा में आवेदन किया था। सर्वेश कुमार सिंह ने अप्रैल 2021 में पूरी किश्तें जमा कर दी थी लेकिन इसके बावजूद उनके घर की रजिस्ट्री नहीं हो रही थी। जब उन्होंने कानपुर विकास प्राधिकरण में पता किया तो पता चला कि डूडा की गलती की वजह से उनका नाम सामान्य श्रेणी में चढ़ गया है जबकि वो ओबीसी श्रेणी से आते है।
जनता दरबार में आखिर क्यों भडके उठे डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह?
इस सम्बन्ध में सर्वेश ने केडीए के अधिकारियों को बताया तो केडीए सचिव की तरफ से डूडा को नवंबर 2024 में पत्र लिख कर जानकारी दी गई और कहा गया कि सर्वेश का नाम ओबीसी में तब्दील किया जाए जिससे उसके मकान की रजिस्ट्री की जा सके। इसके बावजूद जब तीन महीने से कुछ नहीं हुआ तो शुक्रवार को सर्वेश सिंह ने डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के यहां जनता दरबार में गुहार लगाई। डीएम ने सबसे पहले लखनऊ बात की और उसके बाद दिल्ली क्योंकि इस तरह के मामलों में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कवायद करनी पड़ती है। पूरा मामला समझने के बाद डीएम (DM) ने डूडा को आदेश दिया कि मामले को तुरंत निपटाया जाए। डीएम की फटकार के बाद डूडा के अधिकारी एक्शन में आए और मात्र 4 घंटों में सर्वेश की समस्या का समाधान हो गया। 4 साल से चप्पल घिस रहे सर्वेश का नाम मात्र 2 घंटे में डूडा में चढ़ गया तो उनकी आँखें भर आई।