KANPUR NEWS : पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भू जल के कम होने को बडी चुनौती बताई है, लेकिन भू जल के उपयोग को लेकर बनाए गए एक्ट की धज्जियां जमकर उडाई जा रही है। न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल, मेट्रो कंस्ट्रक्शन, ग्रीनपार्क, होटलों, अस्पतालों, स्कूलों, कारखानों आदि में बिना एनओसी (water NOC) के धडल्ले से भू जल का दोहन किया जा रहा है।
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रीजेंसी, धनवंतरी, फॉर्च्यून समेत कई अस्पतालों, होटलों, औद्योगिक एरिया (Rooma industrial area, dada nagar industrial area) में स्थित फैक्ट्रियों को भू जल विभाग की ओर से एनओसी की नोटिस भेजी गई है।
डीएम राकेश कुमार सिंह ने कहा कि किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, भू जल एनओसी लेने को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
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भूगर्भ जल विभाग वैज्ञानिक डॉ. अविरल सिंह (Ground Water Department Scientist Dr. Aviral Singh) ने बताया कि न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल, ग्रीनपार्क, मेट्रो कंस्ट्रक्शन की एनओसी राज्य स्तर से प्रदान की जाएगी। अस्पतालों, होटलों, औद्योगिक एरिया में स्थित फैक्ट्रियों को एनओसी की नोटिस जारी किया गया है। सौ से अधिक होटलों को एनओसी जारी की गई है। कारखानों और होटलों की ओर से आवेदन किए गए हैं जिसकी जांच की जा रही है।
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एनओसी लेने का प्रावधान
मेट्रो कंस्ट्रक्शन को लेकर भू जल निकासी के एनओसी लेने का प्रावधान है, लेकिन बिना एनओसी लिए कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें कितना जल दोहन हो रहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। विकास के नाम पर संचित जल का दोहन किया जा रहा है। डॉ. अविरल सिंह बताते हैं कि मेट्रो की एनओसी राज्य स्तर से होनी है।
एनओसी लेना अनिवार्य
निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी के लिए भू जल उपयोग की एनओसी लेना अनिवार्य है, लेकिन बिना एनओसी के धडल्ले से रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। जो पुराने रजिस्टर्ड अस्पताल या नर्सिंग होम उनसे भी एनओसी नहीं ली जा रही है। डॉ. अविरल सिंह ने बताया कि सीडीओ के माध्यम से सीएमओ को लेटर भेजा गया है।
जाने नियम के बारे में
अंडरग्राउंड वाटर लेवल को घटते देख शासन ने इस पर लगाम लगाने के लिए एक्ट बनाया है। वर्ष 2020 से प्रभावी इस नियम के तहत कॉर्मिशयल, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्रियल व घरों में लगे सबमर्सिबल, ट्यूबवेल की बोरिंग कराने से पहले भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद से एनओसी लेना कंपल्सरी कर दिया गया था। भूजल उपयोगकर्ता अब बिना पंजीयन और NOC के भूजल का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
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रेन वाटर हार्वेस्टिंग एनओसी की प्रमुख शर्त
स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, मेट्रो स्टेशन, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, आवासीय संरचना, आफिस भवन, नेशनल हाइवे, अग्निशमन केंद्र, गोदाम, बिजनेस प्लाजा, मल्टीप्लेक्स, मॉल, अस्पताल, नर्सिंग होम, वाटर पार्क, होटल, रेस्टोरेंट, औद्योगिक, वाणिज्यक प्रतिष्ठानों, गेस्ट हाउस, बैंक्वेट हॉल, मैरिज होम, क्लब, व्यापार केंद्र के निर्माण को पानी निकालने को प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। यह पांच साल के लिए होगी। वैधता खत्म होने से 90 दिन पहले रिन्यूवल कराना होगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग इस एनओसी की प्रमुख शर्त है। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से आनलाइन है।
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कारावास का प्रावधान
उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम के तहत बिना पंजीकरण व अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति, समूह और संस्था के खिलाफ दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा छह माह से एक साल तक के कारावास का प्रावधान किया गया है।