RAHUL PANDEY
KANPUR NEWS : कानपुर (KANPUR) नगर की प्रथम महिला मेयर प्रमिला पाण्डेय (Mayor Pramila Pandey) ने मुस्लिमों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग करूंगी कि हिंदू का मकान हिंदू और मुस्लिम का मकान मुस्लिम ही खरीदे, ऐसा कानून बनाया जाए।
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मंदिरों में कब्जों को लेकर मुस्लिमों की मानसिकता बेहद खराब है। इस पर कड़ाई से रोक लगाई जानी चाहिए। वहीं इस बयान के बाद कानपुर की सियासत फिर गरमा गई है। आर्यनगर विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि इनकी राजनीति नफरत फैलाने से ही शुरू होती है और खत्म होती है। उनसे ऐसे ही बांटने वाले बयान की उम्मीद की जा सकती है।
मंदिरों पर हो रहे अवैध कब्जे
मंगलवार को मेयर क्षेत्रीय पार्षद की शिकायत पर मुंशीपुरवा पहुंची। यहां पर हनुमान मंदिर के चारों ओर हो चुके अवैध कब्जों को देखकर मेयर का पारा चढ़ गया। यहां 5 मकान मंदिर की तरफ बड़ा छज्जा और खिड़कियां खोले हुए थे। भगवान हनुमान की मूर्ति के पास ही रोजाना कूड़ा फेंका जा रहा था। महापौर ने सभी कब्जा धारकों को बुलाकर कड़ी फटकार लगाई। वहीं पास ही स्थित नगर निगम पार्क में अवैध तरीके से मुंशीपुरवा धर्मशाला कैंपस में 2 मंजिला मकान बना लिया था। महापौर ने इसको भी गिराने के आदेश दिए। मेयर ने कहा, ”कानपुर में 125 मंदिर चिह्नित किए गए थे, जिस पर पूरी तरह से मुस्लिमों के अवैध कब्जे मिले। मंदिरों को कब्जामुक्त कराकर रहूंगी। जमीनों पर अवैध कब्जे पूरी तरह से खाली होने चाहिए।”
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हिंदू ने बेचा था मुस्लिम को मकान
महापौर के मुताबिक, ये मकान करीब 20 साल पहले शिवमूरत का था। उन्होंने मो. एकलाख को बेचा था। उस वक्त तय हुआ था कि मंदिर की तरफ न तो कोई दरवाजा खोला जाएगा और न ही कोई खिड़की खुलेगी। अब मो. एकलाख के परिवार ने मंदिर की तरफ दरवाजा भी खोल दिया और बड़ा छज्जा भी बाहर निकाल दिया। वहीं, पास ही स्थित कुएं को भी कब्जाने की नीयत से कूड़ा फेंकने लगे। इसको लेकर की गई शिकायत पर महापौर मौके पर पहुंचीं। उन्होंने हिदायत दी कि दोबारा कब्जा करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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महापौर ने पहले भी छेड़ा अभियान
महापौर प्रमिला पांडेय ने 2022 में भी मंदिरों में अवैध कब्जों को लेकर बड़ा अभियान छेड़ा था। ज्यादातर मंदिरों पर कब्जे मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में ही मिले थे। कई मंदिर ऐसे भी मिले थे, जिसके कैंपस में बिरयानी तक पकाई जा रही थी। लेकिन 3 जून 2022 को हुई कानपुर में हिंसा के बाद ये अभियान बंद हो गया था। आज फिर से इस अभियान की शुरुआत की गई है।
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