SHUBHANGI DWIVEDI
कानपुर: स्वास्थ्य विभाग (health department) की लापरवाही से बड़ी संख्या में मानक विहीन अस्पताल खुले हैं। इन हॉस्पिटलों में मेडिकल कर्मचारी तो है लेकिन अनुभवी डॉक्टरों की तैनाती नहीं है। आपातकालीन समय में आने वाले मरीजों का इलाज मेडिकल कर्मचारी ही करते हैं। इस कारण प्रतिदिन लापरवाही के कारण किसी न किसी की मरीज की जान जाना आम हैं।
बर्रा स्थित आराध्या आई अस्पताल (Aaradhya Eye Hospital) पर कार्रवाई का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। सीएमओ (CMO) ने अस्पताल के डॉक्टर नीरज गुप्ता को नोटिस जारी कर पूरे मामले जवाब मांगा है। नोटिस का जवाब देने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य सरकार को नोटिस भेजकर 4 हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
हैलट नेत्र रोग विभाग के एचओडी ने बताया कि…
हैलट (Hallet) नेत्र रोग विभाग के एचओडी डा. परवेज खान (HOD Dr. Parvez Khan) ने बताया कि बुजुर्गों की आंखों में फैले संक्रमण को इंजेक्शन के माध्यम से कम कर दिया गया है। शेर सिंह और राजाराम कुरील की आंखों में रोशनी बची है। वहीं अब किसी भी बुजुर्ग की आंखों को निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
3 घंटे में ऑपरेशन कर भेज दिया घर
सीएमओ डा. आलोक रंजन (Dr. Alok Ranjan) ने बताया कि पीड़ित राजाराम ने पूछताछ में बताया कि सुघरदेवा गांव के सभी 6 लोग दोपहर करीब 3 बजे अस्पताल पहुंचे थे, वहां कुल 18 लोगों के ऑपरेशन किए जाने थे। डॉक्टर ने बिना कोई जांच किए आंखों को ऑपरेशन शुरू कर दिया और शाम 6 बजे घर भेज दिया। इसके बाद दोबारा अस्पताल तक नहीं बुलाया। जबकि दर्द और आंखों से न दिखने की शिकायत कई बार की।
लिए गए सैंपल
आठ बुजुर्गों की रोशनी छीनने वाले डॉ.नीरज गुप्ता और आराध्या आई हॉस्पिटल की नए सिरे से फिर जांच शुरू हो गई है। लापरवाही की पुष्टि के बाद अब सीएमओ की जांच टीम ने संक्रमण का पता लगाने को जांच शुरू की है। जीएसवीएम (GSVM) मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग की टीम के साथ जांच टीम ने हॉस्पिटल और उसके ऑपरेशन थिएटर के सैम्पल लिए हैं।
3 दिन में मांगा गया जवाब
जांच कमेटी के अध्यक्ष और एसीएमओ डॉ. एसके सिंह ने माइक्रोबायोलाजी विभाग के नॉन पीजी जेआर की टीम के साथ आराध्या को खुलवा कर उसके गैलरी, ओटी के छह सैम्पल लिए हैं। सैम्पलों से संक्रमण का टेस्ट होगा। यह पता लगाया जाएगा कि क्या बुजुर्गों की रोशनी ओटी में मौजूद संक्रमण से गई है? अगर ऐसा सामने आया तो आराध्या का लाइसेंस रद किया जाएगा। 3 दिन में जवाब मांगा गया है।
सीएमओ ने बताया कि
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को 4 हफ्तों में विस्तृत जवाब देने के लिए कहा है। आयोग ने मुआवजा दिए जाने और पीड़ितों से 1500 रुपए की वसूली के संबंध में जानकारी मांगी है। पुलिस की कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट तलब की है।