KANPUR NEWS : विधानसभा (Assembly) में नजूल विधेयक पास होते ही जिला प्रशासन ने फाइलें खंगालना शुरू कर दिया है। शहर में नजूल (Nazul) की कौन से एरिया में कितनी जमीन, कितने लीज पर हैं और कितने फ्री होल्ड हो गए प्रशासन के पास कोई डाटा नहीं है। KANPUR NEWS
वहीं करीब दो सौ आवेदन फ्री होल्ड के लिए दिए गए हैं जिनकी धनराशि विभाग के पास जमा है। डीएम (DM) ने एडीएम वित्त को जल्द से जल्द पूरी लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया है। एसीएम सात ने बताया कि नजूल की कितनी जमीन और कितने फ्री होल्ड हो चुके हैं इसका डाटा नहीं है। नजूल सहायक इसकी जानकारी दे सकेंगे।
डीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि पहले से कोई डाटा तैयार नहीं है। 40 फाइलें हैं इसकी पूरी तफ्तीश कर डाटा तैयार करने के लिए एडीएम वित्त को निर्देशित किया गया है।
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डीएम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की
डीएम (DM) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कि है इसमें लिखा है कि ऐसे आवेदकगण जिनके द्वारा अध्यादेश दिनांक 07 मार्चए 2024 के जारी होने के पूर्व नजूल सम्पत्ति को फ्री.होल्ड कराने हेतु धनराशि जमा कर नजूल अनुभाग में आवेदन किया गया हैए वह सूचनाध्विज्ञप्ति जारी होने के पश्चात् 30 दिवस के भीतर नजूल अनुभाग में धनराशि वापसी हेतु अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
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हजारों करोड की जमीन का जांच अभी अधूरी
बीते रोज कई लोगों पर नजूल की भूमि (Nazul Land) पर कब्जा करने की एफआईआर दर्ज हुई थी। इसकी जांच के लिए डीएम ने एसडीएम सदर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। एसडीएम सदर प्रखर कुमार सिंह ने बताया कि संबंधित जमीन की डीड, रजिस्ट्री कार्यालय से इसको मांगा गया है। काफी पुरानी फाइल होने के चलते कार्यालय अब तक इसको तलाश कर रहा है। फाइल आने के बाद ही आगे की जांच हो सकेगी।
अब नजूल भूमि का पूर्ण स्वामित्व निजी व्यक्ति या संस्था को नहीं मिलेगा। नजूल भूमि के पूर्ण स्वामित्व परिवर्तन के संबंध में पहले से कोर्ट या प्राधिकारी के समक्ष लंबित आवेदन अस्वीकृत समझे जाएंगे। जिन नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड कराने के लिए रकम जमा की गई है, उसे भारतीय स्टेट बैंक की ब्याज दर पर वापस किया जाएगा। आगे कोई नजूल भूमि फ्रीहोल्ड नहीं की जाएगी।
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‘नए कानून का उद्देश्य नजूल भूमि का उपयोग विकास कार्या में किया जाना है’
संसदीय कार्य मंत्री ने इससे पूर्व कहा कि नजूल भूमि का उपयोग विकास कार्यों व सार्वजनिक कार्यों में किए जाने के लिए सरकार यह विधेयक लाई है। नजूल भूमि का इतिहास अजीब है। ब्रिटिश शासनकाल के विरुद्ध आंदोलन करने वालों की जमीनों को जब्त कर लिया गया था। वही नजूल भूमि कही जाती है। नए कानून का उद्देश्य नजूल भूमि का उपयोग विकास कार्यों में किया जाना है।
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