RAHUL PANDEY
चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी कोई भी हथकंडे अजमा सकते हैं। उनमें से ही एक होता है दमदार प्रत्याशी के नाम का ही निर्दलीय प्रत्याशी का नामांकन करा देना। इससे मतगणना के दौरान मतदाता भ्रमित रहते हुए जल्दीबाजी में डमी प्रत्याशी को वोट कर देते हैं। वोट कटते हैं और इसका फायदा दूसरे प्रत्याशी को होता है। ऐसा ही एक खेल कानपुर में मेयर प्रत्याशी के नाम के साथ भी हुआ। क्योंकि सामने वाली दमादार प्रत्याशी थी और पार्टी ने नाम भी घोषित कर दिया था, इसके चलते उस नाम से एक मेयर प्रत्याशी का नामांकन करा दिया गया। इससे हजारों वोट का अंतर सामने आया है। KANPUR NIKAY CHUNAV
कौन से वार्ड ने किस प्रत्याशी ने मारी बाजी
KARNATAKA ELECTION RESULT 2023 LIVE UPDATES
23 राउंड वार किस प्रत्याशी को मिले कितने वोट
पूरी विस्तृत जानकारी (KANPUR NIKAY CHUNAV )
शहर के महापौर चुनाव में प्रमुख पार्टियों के साथ ही पांच निर्दलीय प्रत्याशी भी थे। इसमें एक नाम वंदना बाजपेई का भी है। सपा मेयर प्रत्याशी वंदना बाजपेई का भी यही नाम है। वंदना बाजपेई आर्यनगर विधानसभा अमिताभ बाजपेई की पत्नी हैं] इसके चलते भाजपा को केवल यहीं से खतरा सता रहा था। पहले से ही भीतरघात से जूझ रही भाजपा कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं थी। जीत हार में निर्णायक भूमिका में यही निर्दलीय प्रत्याशी होती। अब जीत का अंतर काफी है तो इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सबसे बडी बात है कि निर्दलीय मेयर प्रत्याशी वंदना बाजपेई ने बिना प्रचार 25 हजार से अधिक वोट पाए।
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आखिर क्यों नहीं किया प्रचार (KANPUR NIKAY CHUNAV )
दरअसल प्रचार न करने का भी एक कारण है। प्रचार करते तो लिखना पडता कि निर्दलीय प्रत्याशी और लोग जान जाते कि वंदना नाम से एक और मेयर प्रत्याशी मैदान में है। इससे सजग हो जाते और सपाई लोगों को बताते कि साइकिल वाली वंदना पर बटन दबाएं। जब प्रचार नहीं किया तो लोगों को मालूम ही नहीं हुआ। यहां तक कि सपाइयों को इस बाबत कम ही जानकारी थी।
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कौन है यह निर्दलीय प्रत्याशी वंदना बाजपेई (KANPUR NIKAY CHUNAV )
जवाहर नगर निवासी दिनेश बाजपेई भाजपा से जुड़े हैं। उन्होंने भाजपा से वार्ड 5 से पार्षद का टिकट मांगा था, लेकिन भाजपा से आलोक पांडेय का टिकट हो गया तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया। जब भाजपा और सपा के महापौर प्रत्याशी के नाम सामने आ गए। भाजपा से प्रमिला पांडेय चुनाव मैदान में थी। वहीं, उनके सामने सपा से विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी वंदना बाजपेई चुनाव मैदान में थी। जिसे देख दिनेश ने अपनी पत्नी वंदना बाजपेई का नामांकन कराया। दिनेश की पत्नी वंदना गृहणी है। वंदना घर बैठे चुनाव लड़ रही थी तो उनके पति पार्षद के चुनाव में अपनी किस्मत अजमा रहे थे। पति पत्नी दोनों ही चुनाव हार गए। वंदना को तो महापौर पर 25397 मिले, जबकि उनके पति 183 वोट पर ही सिमट गए है।