KANPUR NIKAY ELECTION : कानपुर में महापौर पद को लेकर भाजपा (BJP) में शुरू हुई अंदरुरनी कलह अब सतह पर आने लगी है। भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी (BJP MP Satyadev Pachauri) खुलकर बोलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि प्रमिला पांडेय (Pramila Pandey) को टिकट देना संघ का अपमान किया जाना है। उन्होंने ये भी कहा कि वे हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ रहे हैं और आगे भी रहेंगे।
जाने- महापौर पद की प्रत्याशियों की संपत्ति
KANPUR NIKAY ELECTION : इन प्रत्याशियों ने किया नामांकन
दिल्ली में हुई टिकट को लेकर बैठक की…
महापौर का टिकट पाने की दौड़ में नीतू सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा था। ये नाम संघ की तरफ से बढ़ाया गया था। नीतू सिंह कानपुर (kanpur) से भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी (BJP MP Satyadev Pachauri) की बेटी और क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र जीत सिंह की बहू हैं। वीरेंद्र जीत सिंह का संघ में बड़ा कद है। ऐसे में उनका टिकट की रेस में नाम सबसे आगे चल रहा था।
राष्ट्रीय इकाई ने नीतू सिंह (Neetu Singh) के नाम पर मुहर भी लगा दी थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक सतीश महाना (Satish Mahana) ने पेंच फंसा दिया। खींचतान बढ़ी तो टिकट को लेकर रिपोर्ट दिल्ली तलब कर ली गई। बीती शुक्रवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा के साथ बैठक हुई।
नीतू सिंह के नाम पर मुहर
बताया जा रहा है कि टिकट फाइनल होने के दो दिन पहले तक नीतू सिंह का नाम प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय इकाई तक तय कर दिया गया था। जब टिकट को लेकर खींचतान बढ़ी तो फिर से पूरे समीकरण को लेकर पार्टी में मंथन किया गया। यह कहा जाने लगा कि इस बार कांग्रेस के बजाय सपा की ओर से उतारे गए ब्राह्मण प्रत्याशी की वजह से परिस्थितियां बदली हुईं हैं। सपा प्रत्याशी दरअसल पार्टी के ही विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी हैं।
खुफिया रिपोर्ट भी की गई दरकिनार
अमिताभ विधानसभा चुनाव 2017 और 2022 में सपा के टिकट से भाजपा को हराकर विधायक बने हैं। खुफिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि नगर निगम क्षेत्र में कुल सात विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें तीन में सपा के विधायकों का दबदबा है, इस वजह से भी महापौर का चुनाव टक्कर वाला हो सकता है। इसे देखते हुए ऐसे चेहरे को उतारा जाए, जिसे लेकर पार्टी में आम सहमति बनाई जा सके। कहा जा रहा है कि क्योंकि प्रमिला एक बार पार्टी के टिकट से जीत चुकी हैं, ऐसे में उनको दोबारा मौका मिल गया।
पचौरी बोले ये जनता के खिलाफ जाएगा
सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि वह महापौर प्रत्याशी के टिकट को लेकर पार्टी के निर्णय से खुश नहीं हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि यह फैसला महानगर की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है। सांसद पचौरी यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी अपमान हुआ है।
महाना ने गिनाए थे जीत के समीकरण
बैठक में पदाधिकारियों ने पूरी रिपोर्ट रखी। प्रमिला के खिलाफ एलआईयू की रिपोर्ट को भी आधार बनाया गया। किसी भी विरोध से बचने के लिए करीब 1 घंटे तक प्रदेश उपाध्यक्ष कमलावती सिंह के नाम पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भी प्रमिला की जीत को लेकर सारे समीकरण राष्ट्रीय नेतृत्व को गिना डाले। सभी को संतुष्ट करने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रमिला पांडेय को टिकट थमा दी। लेकिन ये दांव भी उल्टा पड़ गया और पार्टी में विरोध शुरू हो गया है।
नहीं हुए शामिल
सांसद ने प्रमिला पांडेय के नामांकन जुलूस से भी दूरियां बनाकर रखीं। पार्टी प्रत्याशी के नामांकन जुलूस में मौजूद नहीं रहने की बात पर सांसद ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। इस वजह से वे जुलूस में शामिल नहीं हुए। पार्टी के फैसले से नाखुश सांसद पचौरी ने यह भी कहा कि वे भ्रष्टाचार के हमेशा खिलाफ रहे हैं, आगे भी रहेंगे।
महाना की सांसदी लड़ने को लेकर भी चर्चा
महापौर की टिकट कराने में सतीश महाना अहम किरदार माने जा रहे हैं। वहीं इस टिकट के होने से सांसद पचौरी पूरी तरह बैकफुट पर आ गए हैं। इससे लोग चर्चा करने लगे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में सतीश महाना सांसदी के प्रबल दावेदार हो सकते हैं।
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