RAHUL PANDEY
KANPUR
जीएसवीएम (GSVM) मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल के जीटी रोड स्थित गणेश शंकर विद्यार्थी सुपर स्पेशियलिटी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (जीएसवीएसएस पीजीआइ) में मस्तिष्क (ब्रेन) और तंत्रिका तंत्र से जुड़ा विश्वस्तरीय इलाज मुहैया कराने की तैयारी है। इस संस्थान के नोडल अफसर ने देश भर के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को सहयोग करने के लिए पत्र लिखा है। इन उत्कृष्ट संस्थानों के सहयोग से ब्रेन से जुड़े आधुनिक इलाज एवं प्रोसीजर किए जाएंगे। मरीजों के हित में ब्रेन से जुड़े विविध रिसर्च और नए-नए कोर्स शुरू किए जाएंगे।
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नए सुपर स्पेशलिटी विभाग भी खोले जा रहे हैं
केंद्र सरकार (Central government) के सहयोग से प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत जीएसवीएम मेडिकल कालेज का उच्चीकरण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स दिल्ली) के निर्देशन में 200 करोड़ रुपये से कराया गया है। इस 240 बेड के ब्लाक में न्यूरो सर्जरी और न्यूरोलाजी विभाग का विस्तार किया गया है। नए सुपर स्पेशलिटी विभाग भी खोले जा रहे हैं, जहां मस्तिष्क से जुड़े शोध प्रस्ताव न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलाजी, न्यूरो रेडियोडायग्नोस्टिक और न्यूरो एनस्थीसिया से जुड़े संकाय सदस्य फैकल्टी, सीनियर रेजीडेंट व जूनियर रेजीडेंट करेंगे। इससे वे हुनरमंद बनेंगे और मरीजों को भी उत्कृष्ट इलाज मुहैया होगा। ब्रेन से जुड़ी बच्चों की जन्मजात व अनुवांशिक बीमारियों, ट््यूमर और कैंसर पर भी रिसर्च संभव हो सकेगा।
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इन संस्थानों के निदेशकों को लिखा पत्र
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स दिल्ली), पुडुचेरी स्थित जवाहरलाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (जिपमर), गुरुग्राम के मानेसर स्थित नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी), बेंगलुरु स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निमहेंस), पीजीआइ चंडीगढ़, नई दिल्ली स्थित इंडियन स्पाइन इंजरी सेंटर।
शरीर की समस्या और बदलाव का पता लगा सकते हैं
ब्रेन की बीमारियों में कई प्रकार के रसायन घटते और बढ़ते हैं। इन संस्थानों के साथ जुड़ कर यह पता लगाया जाएगा कि ऐसे रसायन किन-किन स्थितियों में बढ़ते हैं, उन्हें कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा खून के माध्यम से भी शरीर की समस्या और बदलाव का पता लगा सकते हैं। रीढ़ के हड्डी के पानी (सीएसएफ) और ब्रेन के पानी पर भी रिसर्च कर बीमारियों का पहले से पता लगाया जाएगा। ट्यूमर में कौन-कौन से मार्कर बढ़ते और घटते हैं, उन्हें रोकने पर भी रिसर्च हो सकेगा। -डा. मनीष सिंह, नोडल अफसर, पीएमएसएसवाई, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
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सुपर स्पेशलिटी इलाज मिलेगा
जीएसवीएसएस पीजीआइ में सुपर स्पेशलिटी इलाज मिलेगा। मरीज हित में रिसर्च और अध्ययन किए जाएंगे। इसके लिए देश के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के प्रमुखों को पत्र लिखा है। उनकी सहमति मिलने के बाद उन संस्थानों में फैकल्टी एवं रेजीडेंट भेजे जांएगे ताकि बेहतर रिसर्च और चिकित्सकीय गुणवत्ता में सुधार हो सके। इन संस्थानों की मदद से यहां फैलाशिप कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। -प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
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