RAHUL PANDEY
कानपुर (KANPUR) कोरोना जैसी आपदा को कुछ निजी अस्पतालों ने कमाई का जरिया मान लिया है। रोगियों से अंधाधुंध वसूली की, रोगियों को जो बिल थमाए जा रहे हैं, वो वसूले गए रुपये से 80% कम है। इस माहामारी में प्राइवेट कोविड अस्पताल संक्रमितों से लाखों रुपयों की वसूली कर रहे हैं। कानपुर में तुलसी अस्पताल (Tulsi Hospital) की अवैध वसूली का मामला प्रकाश में आया है।
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पीड़ितों ने अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर और कथित पाटर्नर का किया स्टिंग, पुलिस-प्रशासन नहीं कर रहा कार्यवाही
शनिवार को अशोक नगर स्थित कानपुर (KANPUR) जर्नलिस्ट क्लब में किदवईनगर निवासी अतुल देव ने बताया की उनकी माँ गीता गुप्ता ने वैक्सीन लगवायी थी जिसके बाद उनको हल्का बुखार आया और उनका ऑक्सीजन लेवल 92/93, हो गया। इसके बाद ग्वालटोली थाना-क्षेत्र के सिविल लाइन्स इलाके में स्थित तुलसी हास्पिटल में डा0 आंचल कपूर को दिखाया तो उन्होंने माता जी को लंग्स इंफेक्शन बताकर तुलसी आस्पिटल में एडमिट करवा दिया। इसके 2 दिन बाद 23 अप्रैल को डा0 आंचल कपूर ने माँ की स्थिति खराब बताकर हास्पिटल के आईसीयू में शिफ्ट कर दिया और रेमैडेसिवर इंजेक्शन की तत्काल व्यवस्था करने को कहकर हास्पिटल के सीएमडी अमर शंकर गुप्ता के पुत्र शेखर गुप्ता से मिलने को कहा। शेखर गुप्ता से मिले तो उन्होंने रेमेडिसिवर इंजेक्शन 55000/- प्रति इंजेक्शन के हिसाब से देने को कहा। मजबूरी में अतुल देव ने शेखर गप्ता से 6 रेमेडीसिवर इंजेक्शन तीन लाख तीस हजार में खरीदे जिसका भुगतान डा पुष्पेन्द्र यादव ने नगद मांगा जिसमें दो लाख चौतीस हजार- रू नगद व 96 हजार एकाउण्ट में ट्रांसफर दिनांक 24 अप्रैल 21 को किया। इसके बाद तुलसी हास्पिटल में प्रार्थी से इन्होंने प्रति सप्ताह 2 लाख 80 हजार एडवान्स जमा कराया 26 दिन में करीब 19 लाख 20 हजार रूपये पीड़ित से दवा, इंजेक्शन, अस्पताल बिल, लैब टेस्ट के नाम से ठग लिए गए। उसके बावजूद पीड़ित की माँ का सही से उपचार नहीं किया गया जिसके चलते 17 मई 2021 को उनकी मृत्यु हो गयी।
एक रेमीडिसिवर इंजेक्शन के 55 हजार वसूलने का आरोप
इसके बाद बकौल अतुल वो और उनका भाई अपनी माँ के लिये अस्पताल संचालकों, डाॅक्टर और अस्पताल के कर्मचारियों के आगे गिड़गिड़ाते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अस्पताल संचालक कोविड गाइडलाइन्स के विरूद्ध जाकर माँ के इलाज के नाम पर ब्लैकमेल करके लाखों रूपये ठग लिए और जब माँ का अन्तिम संस्कार के बाद अतुल अपने भाई के साथ पहुँचा तो अस्पताल द्वारा मात्र 6,51,935/- रू0 का बिल बनाकर उल्टा अतुल से 86,935 और मांगे। जब प्रार्थी ने कहा कि 14,45,000/- रू0 नगद व आनलाइन आपके एकाउण्ट में जमा कर चुके हैं। इसके अलावा 4,75,000/- रू0 की लैब टेस्ट एंव दवा अस्पताल के दे चुके हैं। इसके पश्चात उन लोगों ने डा0 पुष्पेन्द्र यादव व सी0एम0डी0 पुत्र शेखर गुप्ता से बात करने को कहा जब सी0एम0डी0 से मिलने पहुँचे तो उन्होंन पुष्पेन्द्र यादव के माध्यम से अपने पार्टनर उमेश चन्द्र मिश्रा से बात कराई। इसी बीच प्रार्थी ने उमेश चन्द्र मिश्रा से जो बातचीत हो रही थी बातचीत को अपने मोबाइल पर रिकार्ड कर लिया जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि जो लाखों रूपये उन्होंने नगद लिए हैं उसके बिल नहीं देंगे और धमकाया भी कि हास्पिटल के सीएमडी ने 4-4 वकील रख रखे हैं तुम उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे और वो केस लड़ लेंगे। इसी तरह हास्पिटल के रेजीडेन्ट डाॅक्टर पुष्पेन्द्र यादव से भी अतुल द्वारा जो बातचीत की गयी वो मोबाइल पर रिकार्ड कर लिया गया। जिसमें वो वीडियो में स्वीकार करते दिख रहे हैं कि हास्पिटल द्वारा रेमेडीसिवर इंजेक्शन की काला बाजारी करते हुए 55,000 प्रति इंजेक्शन के हिसाब से विक्रय किए गये।
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अतुल देव का आरोप है कि डाॅक्टर आंचल कपूर, सीएमडी अमर शंकर गुप्ता, सीएमडी का पुत्र शेखर गुप्ता हास्पिटल के सीएमडी पार्टनर उमेश मिश्रा रेजीडेन्ट डाॅक्टर पुष्पेन्द्र यादव व हास्पिटल का अन्य स्टाफ ने कोरोना की इस महामारी को आपदा में अवसर बनाकर प्रार्थी से लाखों रूपये ठगे। रेमेडीसिवर इंजेक्शन की काला बाजारी की व इलाज में लापरवाही करके मेरी माँ को मौत की नींद सुला दिया। जिसके बाद से न्याय के लिए थाना ग्वालटोली, पुलिस कमिश्नर, डीएम और एसीएम 5 से मिलकर एवं डीजीपी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगायी लेकिन आज तक अस्पताल प्रबंधक और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ न तो मुकदमा दर्ज किया गया न ही कोई कार्यवाही की गई।