RAHUL PANDEY
कानपुर (Kanpur) के जनप्रतिनिधि जिसमें कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं, केवल सीएम योगी (CM YOGI) को अंधेरे में रख रहे हैं। उर्सला सीएमएस का क्या कहना, लापरवाही का आलम यह है कि 10 साल से बनकर तैयार पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) पर महामारी के दौर में भी ताला पड़ा है। वह केवल प्रशासन पर दोष देकर अपना पल्ला झाड ले रहे हैं। कुछ भी प्रयास करने को तैयार नहीं। यह हालत तब है जब उर्सला को कोविड अस्पताल नहीं बनाया गया है। एक न्यूज पेपर के अनुसार 22 मई को कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों की थाह लेने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को भी अफसरों और नेताओं ने सब्जबाग तो खूब दिखाए पर उर्सला के पीआईसीयू का जिक्र तक नहीं किया।
#UTTARPRADESH : जीएसटी असिस्टेंट कमिश्नर संजय शुक्ला ने खुद को मारी गोली #GORAKHPURNEWS : एंबुलेंस चालक ने एक किलोमीटर का किराया वसूला तीन हजार #KANPUR : ठेके के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग सिखा रही पुलिस को शराबियों ने पीटा #CHANDRAGRAHAN : कल लाल रोशनी से जगमग होगा चांद, जाने… #BIHARNEWS : गैंगरेप के बाद महिला को नग्न कर पोल से लटकाया
कानपुर (Kanpur) के मंडलीय अस्पताल उर्सला में बाल रोगियों के लिए 10 साल से बनकर तैयार पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) पर महामारी के दौर में भी ताला पड़ा रहा। जबकि, इसके संचालन के लिए पांच विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी है। दरकार है तो बस एक एनेस्थेटिस्ट की। कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर बच्चों के इंटेंसिव केयर पर पूरा जोर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने नए पीआईसीयू बनाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन उर्सला (ursula) में संसाधन होते हुए भी बाल रोगियों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। उर्सला में पांच बालरोग विशेषज्ञ भी हैं। ओपीडी में हल्की-फुल्की बीमारियों के जो रोगी देखे जाते हैं, उन्हें पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती कर लिया जाता है।
ब्लैक फंगस को लेकर केंद्र ने किया अलर्ट, इन राज्यों में महामारी घोषित, जानें… #CORONAVIRUS : सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी #BREAKING : उत्तर प्रदेश में 31 मई तक बढ़ाया गया कोरोना कर्फ्यू #COVID-19 : राजस्थान के दो जिलों में 600 से अधिक बच्चे संक्रमित रूमेटाइड अर्थराइटिस : लाइफस्टाइल और डाइट में बदलावों से मुमकिन है बचाव
दो बेड वेंटिलेटर युक्त
वैसे उर्सला में इलाज कराने आने वाले बहुत से लोगों को यह पता ही नहीं है कि यहां बच्चों का वार्ड भी है। इससे यहां ओपीडी की संख्या कम रहती है। उर्सला की नई बिल्डिंग के दो तलों पर 12-12 बेड के दो वार्ड हैं। बच्चों का वार्ड वर्ष-2011 में बना था। उसी दौरान बच्चों का छह बेड का आईसीयू (ICU) बनाया गया था। दो बेड वेंटिलेटर युक्त थे, लेकिन 10 साल से ऑन ही नहीं किए गए। अब ये कंडम होने की स्थिति में हैं।
संबित पात्रा को ट्विटर का झटका, इस खबर को बताया ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’
#BREAKING : UTTAR PRADESH में ब्लैक फंगस महामारी घोषित
#BREAKING : उत्तर प्रदेश में 31 मई तक बढ़ाया गया कोरोना कर्फ्यू
अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट है। इसमें दो वेंटिलेटर भी हैं, लेकिन एनेस्थेटिस्ट की कमी की वजह से चलती नहीं। अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट के पांच पद हैं, लेकिन एक ही है। सभी पद भर जाएं तो बच्चों का आईसीयू चल सकता है। डॉ. अनिल निगम, सीएमएस, उर्सला