KANPUR VERY GOOD NEWS : यह खबर सभी को खुश करने वाली है। मनमानी फीस, यूनीफार्म, किताबें और जूते समेत अन्य सामान एक विशेष दुकान से ही खरीदनें की बाध्यता पर अब सख्त कार्यवाही प्रशासन करने की तैयारी कर रहा है। KANPUR VERY GOOD NEWS
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डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh) ने स्कूल प्रबंधन को सख्त हिदायत दी है कि अभिभावकों का किसी भी तरह का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एक ही बार लिया जाएगा प्रवेश शुल्क
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रवेश शुल्क विद्यालय में प्रथम बार नये प्रवेश के समय ही लिया जायेगा। परीक्षा शुल्क केवल परीक्षाओ के लिए ही लिया जायेगा। विद्यालय द्वारा ली जाने वाली फीस में परिवहन फीस,बोर्डिंग फीस,मेस या डाइनिंग फीस व शैक्षिक भ्रमण फीस मद भी सम्मिलित होगे।
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प्रवेश शुल्क वापस किया जायेगा
विद्यालय में प्रवेश के समय लिया गया प्रवेश शुल्क छात्र/छात्रा के विद्यालय छोडने के समय वापस किया जायेगा। प्रत्येक विद्यालय शैक्षिक सत्र प्रारम्भ होने के पूर्व सक्षम अधिकारी को आगामी शैक्षिक वर्ष ली जाने वाली फीस का विवरण प्रेषित किया जायेगा।
विशेष दुकान से क्रय करने के लिए बाध्य न किया जाये
विद्यालय शैक्षिक सत्र में छात्र/छात्राओं के प्रवेश प्रारम्भ होने के साठ दिन पूर्व अपनी बेवसाइट पर फीस का विवरण अपलोड करेगें एव सूचना पट्ट पर प्रकाशित करेगें। विद्यालय द्वारा निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त अन्य शुल्क नही लिया जाएगा। छात्र/छात्रा से जो फीस ली जाये उसकी रसीद विद्यालय द्वारा दी जायेगी। विद्यालय द्वारा किसी छात्र/छात्रा को पुस्तकें, जूते, मोजे व यूनीफार्म आदि किसी विशेष दुकान से क्रय करने के लिए बाध्य न किया जाये। विद्यालय द्वारा निर्धारित यूनिफार्म को पाँच वर्ष के अन्तर्गत परिवर्तन नही किया जायेगा।
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शिकायत का निस्तारण स्कूल प्रबंधक 15 दिनों में करे
नया सत्र शुरू होते ही स्कूलों में मनमानी फीस व काॅपी–किताबों पर कमीशनखोरी के मामले को लेकर कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सख्त रुख अख्तियार किया है। डीएम ने कहा कि अभिभावकों की शिकायत का निस्तारण स्कूल प्रबंधक 15 दिनों में करे। निराकरण न होने पर जनपदीय शुल्क नियामक समिति में अपील करें।
5 लाख का दंड
डीएम (DM) ने कहा कि पहली बार गलती पाए जाने पर स्कूलों को एक्सेस शुल्क वापस करना होगा, साथ ही एक लाख का दंड किया जाएगा। दोबारा गलती मिलने पर 5 लाख दंड का प्रावधान रखा गया है। तीसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की संस्तुति की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल गाइड लाइनों का पालन करें।
इन शैक्षिक संस्थानों पर लागू होगा अधिनियम
जिलाधिकारी के यह निर्देश उप्र बेसिक शिक्षा परिषद, उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद, सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी और आईजीसीएसई बोर्ड से समस्त स्व वित्तपोषित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट कॉलेजो पर लागू होंगे ।
5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी वेतन वृद्धि
स्कूलों द्वारा परिवहन, बोर्डिंग, मेस व शैक्षिक भ्रमण फीस ही ली जाएगी। प्रवेश के समय लिया गया प्रवेश शुल्क स्कूल छोड़ने पर वापस किया जाएगा। सभी स्कूलों में निर्धारित यूनीफार्म को 5 साल तक बदला नहीं जाएगा। शिक्षकों व कर्मचारियों के मासिक वेतन में 5 प्रतिशत से अधिक वृद्धि नहीं होगी।
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