KANPUR
सीबीआई, सचिवालय, समेत 12 से ज्यादा सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का क्राइम ब्रांच (crime branch) ने मंगलवार को खुलासा किया है। यह गैंग लाखों रुपए लेने के बाद फर्जी नियुक्ति पत्र और आई-कार्ड भी देता था। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का कर्मचारी गैंग चला रहा था। ठगी के बाद आवेदकों को बाकायदा फैक्ट्री कैंपस में प्रशिक्षण भी देता था। क्राइम ब्रांच ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
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ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का टर्नर चला रहा था ठगी का गैंग
डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने पुलिस लाइन में ठगी के गैंग का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि थाना चकेरी निवासी प्रिया निशाद से गैंग के स्वरूप नगर निवासी अंकुर वर्मा ने जुलाई 2020 में रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 4 लाख रुपए ठगे थे। झांसा देने के लिए आई-कार्ड और ज्वाइनिंग लेटर भी दिया था। कहा था कि कोरोना खत्म होने के बाद ज्वाइनिंग हो जाएगी।
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कानपुर को गिरफ्तार किया है
प्रिया जब नॉर्थ सेंट्रल रेलवे में ज्वाइनिंग करने पहुंची, तो ठगी का खुलासा हुआ। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने टीपी नगर निवासी अशोक कुमार, आईआईटी गेट कल्याणपुर निवासी महताब अहमद, मसवानपुर कल्याणपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार, राजापुरवा जेके टेंपल निवासी अंकुर वर्मा, अक्षय सिंह निवासी नानकारी आईआईटी, प्रदीप सिंह निवासी अर्मापुर कानपुर को गिरफ्तार किया है। इसमें प्रदीप सिंह ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में टर्नर पद (टेक्नीशियन) पर कार्यरत है। जो ट्रेनिंग के नाम पर कैंपस में लोगों को ले जाता था।
12 से ज्यादा विभागों में नौकरी का झांसा
गिरोह आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, सचिवालय, रेलवे, सीबीआई, पुलिस, ऑर्डिनेंस आदि विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगारों को झांसे में लेता था। इसके लिए अलग-अलग पद के लिए अलग-अलग रेट तय कर रखे थे। चपरासी से लेकर अफसर तक तीन लाख से दस लाख रुपए तक के रेट तय कर रखे थे।
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कई राज्यों में है ठगी का नेटवर्क
ठगी करने वाले गैंग के तार न केवल यूपी, बल्कि पंजाब और हरियाणा में भी फैले हैं। गैंग अपने सदस्यों के माध्यम से अब तक सैकड़ों लोगों को ठग चुका है। गैंग के गुर्गों ने ठगी का जाल लोगों के माध्यम से और सोशल नेटवर्क से फैला रखा था। वे लोग सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव थे।
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कराते थे ट्रेनिंग
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कर्मचारी प्रदीप सिंह लोगों को धोखा देने के लिए नियुक्ति पत्र देकर उन्हें ट्रेनिंग पर अर्मापुर बुला लेता था। यहां के आर्मापुर मैदान में लोगों को फिजिकल ट्रेनिंग देता था। ताकि किसी को भी गैंग द्वारा की जा रही ठगी का अहसास न हो सके। अब इस बात की भी जांच हो रही है कि आखिर विभाग का भी तो कोई शामिल नहीं था। क्योंकि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है।
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यह हुआ बरामद
चार सेवा पुस्तिका,कुछ अभ्यर्थियों के आधार कार्ड, शैक्षिक प्रमाण पत्रों की फोटो कॉपी, फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के फर्जी प्रमाण पत्र, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के फर्जी प्रपत्र, आर्मी के फर्जी प्रपत्र इंडियन रेलवे के फर्जी प्रपत्र, भारतीय खाद्य निगम के फर्जी प्रपत्र, विभिन्न विभागों के फर्जी आई कार्ड व मोहरें,दो हार्ड डिक्स जिसमें संपूर्ण डेटा है, बरामद हुआ है।