RAHUL PANDEY
कानपुर की इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA NEWS) ने चिकित्सा शिक्षा में खिचड़ी तंत्र का विरोध में चिकित्सक देशव्यापी दो घंटे ;दोपहर 12 से 2 बजे के बीच का सांकेतिक धरना दिया गया तथा केन्द्र सरकार से आहृवान किया गया कि इस मिक्सोपैथी एक्ट को तुरंत समाप्त किया जाए तथा जो जिस पैथी का विशेषज्ञ है उसको उसी पैथी में प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जाए। क्यों की डॉक्टरी की शिक्षा प्राप्त करने में 5 से 8 वर्ष का समय लगता है सरकार के इस एक्ट से झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा और इससे आम जनमानस का बहुत ही नुकसान होगा।
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IMA कानपुर की अध्यक्ष डॉ नीलम मिश्रा ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन चिकित्सा शिक्षा में खिचड़ी तंत्र का विरोध करता है। चिकित्सा शिक्षा एक गुणवत्तापूर्वक शिक्षा होती है जिसमें चिकित्सक को अच्छा हुनर दिया जाता है एवं हर छोटी से छोटी विद्या को विज्ञान सम्मत तरीके से विकसित की जाती है। माडर्न मेडिसिन पूरी तरह से रिसर्व पर आधारित विद्या है इसमें हर मर्ज का इलाज आधुनिक तरीके से किया जाता है। यह विद्या हर महामारी के नियन्त्रण में सक्रिय भूमिका निभाती है। देश में कोई नयी दवा आनी हो, या नयी तकनीक विकसित करनी हो या बीमारी को रोकने के लिए वैक्सीन तैयार करनी है, माडर्न मेडिसिन के रिसर्च से ही यह सम्भव हो पाता है। कोविड में जो भी नयी दवा आयी हो, या अभी जो वैक्सीन आ रही हो, आपने माडर्न मेडिसिन के चिकित्सकों का योगदान देखा होगा।
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, मेडिकल शिक्षा में खिचड़ी तंत्र लाने का पूर्ण विरोध करती है, तथा सरकार से अनुरोध करती है कि इस प्रकार की शिक्षा से चिकित्सकों की गुणवत्ता काफी कम हो जाएगी। इस अवसर पर, सचिव डॉ दिनेश सिंह सचानए एक्शन कमेटी के चेयरमैन व पूर्व अध्यक्ष डॉ एस के मिश्रा, डॉ वी सी रस्तोगी पूर्व अध्यक्ष, डॉ अर्चना भदौरिया, पूर्व अध्यक्षए डॉ बृजेन्द्र शुक्ला उपाध्यक्ष, डॉ विकास मिश्रा उपाध्यक्ष, डॉ पूर्णिमा दिक्षित सांस्कृतिक सचिव, डॉ, दीपक श्रीवास्तव क्रीड़ा सचिव, डॉ, राशि मिश्रा,डॉ गुल शगुफ्ता, डॉ स्वदेश गुप्ता, डॉ ए के गुप्ता, डॉ, एस के निगम, डॉ ज्ञानेंद्र सेंगर, कर्नल राकेश दीक्षित, डॉ0 रामजी खन्ना।