कार्तिक शुक्ल द्वितिया को भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाता है. इस बार भइया दूज का पर्व सोमवार, 16 नवंबर को मनाया जाएगा. इसे यमद्वितिया भी कहते हैं. इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जो भाई इस दिन बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करता है और तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है.
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भाई दूज पर भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला जरूर होना चाहिए. इन सभी चीजों के बिना भाई दूज का त्योहार अधूरा माना जाता है.
शुभ मूहूर्त
ज्योतिषियों के मुताबिक, भाई दूज के दिन टीका करने का शुभ मूहूर्त सोमवार, 16 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 56 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. भाई दूज का त्योहार इसी अवधि में मनाना ज्यादा शुभ होगा.
मंत्रों का जाप
भाई दूज पर सुबह 7:30 बजे से 9:00 बजे तक राहु काल रहेगा. इस दौरान त्योहार न मनाएं. रात 10.30 से 12.00 तक समय बेहद शुभ रहेगा. इस बीच भगवान शिव की उपासना और मंत्रों का जाप करने से लाभ होगा.