इसीलिए भारत में इसे बकरीद भी कहा जाता है
मुसलमान साल में दो ईद मनाते हैं। पहली ईद को ईद-उल-फितर कहा जाता है। भारत में इस ईद को आम ज़ुबान में मीठी ईद या सेवई वाली ईद भी कहा जाता है। ईद उल फितर के तकरीबन दो महीने 10 दिन बाद ईद-अल-अज़हा या ईद-उल-ज़ोहा मनाई जाती है। ये ईद इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने ज़िलहिज्ज की दसवीं तारीख को मनाई जाती है।
भारत में कब है ईद अल अज़हा
भारत सहित आस पास के देशों में ईद अल अज़हा 12 अगस्त 2019 यानि दो दिन बाद मनाई जाएगी।
वहीं, सउदी अरब और बाकि के अरब देशों में यह 11 अगस्त 2019 यानि रविवार को ही मना ली जाएगी।
क्यों मनाई जाती है ईद अल अज़हा
- ये ईद मुसलमानों के पैग़म्बर और हज़रत मोहम्मद के पूर्वज हज़रत इब्राहिम की क़ुर्बानी को याद करने के लिए मनाई जाती है।
- मुसलमानों का विश्वास है कि अल्लाह ने इब्राहिम की भक्ति की परीक्षा लेने के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज़ की कुर्बानी मांगी थी।
- इब्राहिम ने अपने जवान बेटे इस्माइल को अल्लाह की राह में कुर्बान करने का फैसला कर लिया।
- लेकिन वो जैसे ही अपने बेटे को कुर्बान करने वाले थे अल्लाह ने उनकी जगह एक दुंबे को रख दिया।
- अल्लाह सिर्फ उनकी परीक्षा ले रहे थे।
दुनिया भर में मुसलमान इसी परंपरा को याद करते हुए ईद-अल-अज़हा या ईद-उल-ज़ोहा मनाते हैं। इस दिन किसी जानवर (जानवर कैसा होगा इसकी भी ख़ास शर्ते हैं) की कुर्बानी दी जाती है। इसीलिए भारत में इसे बकरीद भी कहा जाता है।