जानें, इस साल कब मनाई जाएगी भारत में ईद
रमजान का पावन महीना खत्म होने में बस कुछ ही समय बाकी है. जिसके बाद देश और दुनिया में ईद का जश्न बड़े धूम से मनाया जाएगा. ईद को ईद-उल-फित्र भी कहा जाता है. ईद-उल-फित्र रमजान के 29 या 30 रोजे रखने के बाद चांद देखकर इस्लामिक महीने की पहली तारीख को मनाया जाता है.
ईद का त्योहार भाईचारे का प्रतीक होता है. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, 1 साल में दो ईद मनाई जाती हैं. दूसरी ईद जो ईद-उल-जुहा या बकरीद के नाम से भी जानी जाती है.
जानें कब है ईद
- इस साल भारत में ईद शुक्रवार को मनाई जा सकती है.
- दरअसल, ईद का त्योहार चांद को देखने के बाद ही मनाया जाता है. लेकिन इस साल ईद को लेकर काफी कंफ्यूजन बनी हुई है.
- ऐसा भी हो सकता है कि इस साल अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दिन ईद मनाई जाए, कहीं 15 जून को तो कहीं 16 जून. दरअसल, इस साल रमजान के रोजे अलग-अलग जगह अलग-अलग दिन से रखने शुरू हुए थे.
- उस हिसाब से 15 और 16 जून को ईद मनाई जा सकती है.
- बता दें, पहले भी कई बार भारत में ईद अलग-अलग दिन मनाई जा चुकी है.
ईद की नमाज
ईद के दिन की शुरुआत ईद की नमाज से होती है. सभी मुस्लिम पुरुष नए कपड़े पहनकर ईद की नमाज अदा करने ईदगाह या मस्जिद जाते हैं. कुछ मुस्लिम महिलाएं भी ईद की नमाज पड़ती हैं.
ईद से पहले जकात और फितरा देने का महत्व
- सभी हैसियतमंद मुसलमानों पर फर्ज है कि वो जरूरतमंदों को दान दें. रमजान में इस दान को दो रूप में दिया जाता है, फितरा और जकात.
- दरअसल, रमजान के महीने में ईद से पहले फितरा और जकात देना हर हैसियतमंद मुसलमान पर फर्ज होता है.इस पर रोशनी डालते हुए विश्व विख्यात इस्लामिक संस्थान दारूल उलूम देवबंद के जनसंपर्क अधिकारी अशरफ उस्मानी साहब ने बताया, ‘अल्लाह ताला ने ईद का त्योहार गरीब और अमीर सभी के लिए बनाया है.
- गरीबी की वजह से लोगों की खुशी में कमी ना आए इसलिए अल्लाह ताला ने हर संपन्न मुसलमान पर जकात और फितरा देना फर्ज कर दिया है.
- ‘फितरा और जकात ईद की नमाज अदा करने से पहले देना जरूरी होता है.
- फितरे में जरूरी नहीं कि आप पैसे ही दें, बल्कि खजूर और गेहूं देकर भी गरीबों की मदद कर सकते हैं.