जानें आपके शहर में कब होगी बारिश
देश में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. मौसम विभाग के अनुसार केरल में समय से तीन पहले मॉनसून ने दस्तक दे दी है. आज ही केरल में दक्षिम पश्चिम मॉनसून पहुंचा है. सोमवार को ही मौसम संबंधी विश्लेषण व पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी कंपनी स्काइमेट ने कहा था कि दक्षिण पश्चिम मानसून ने आज केरल में दस्तक दे दी. इसके साथ देश में दक्षिण पश्चिम मॉनसूनी बरसात का मौसम शुरू हो गया है.
मोसम विभाग की वेबसाइट
- मोसम विभाग की वेबसाइट पर दिए गए मॉनसून के मानचित्र के अनुसार तमिलनाडु और केरल में मॉनसून 1 जून तक राज्य के अधिकांश भाग को अपने अधीन ले लेगा.
- इसी के साथ मॉनसून उत्तर पूर्व के कुछ हिस्से को भी अपने अधीन ले लेगा. इसमें मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के कुछ इलाके शामिल हैं.
- वहीं, 1 जून से 5 जून के बीच कर्नाटक का काफी क्षेत्र, पूरा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का कुछ हिस्सा मॉनसून की बारिश से भीगेगा.
- मॉनसून के इस समय में बाकी बचे उत्तर पूर्व के राज्य भी इसकी परिधि में आ जाएंगे.
- 5 जून से 10 जून के बीच मॉनसून और उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा. इस दौरान मॉनसून महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ बिहार के कुछ हिस्सों को अपनी आगोश में ले लेगा.
- 10 जून से 15 जून के समय में मॉनसून मध्य भारत और उत्तर भारत का काफी हिस्से पर छा जाएगा. इस दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के अलावा बचे हुए पश्चिम बंगाल के इलाके में मॉनसून की बारिश होगी.
केरल में मॉनसून ने दी दस्तक
मौसम विभाग के मानचित्र के अनुसार 15 जून से 1 जुलाई के बीच गुजरात के बचे हिस्से, राजस्थान के कुछ हिस्से, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल,पंजाब और हरियाणा के साथ साथ जम्मू-कश्मीर पर भी मॉनसून के बादल बारिश करेंगे. 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच पूरे भारत पर मॉनसून के बादल छा जाएंगे और अलग-अलग हिस्सों में बारिश होती रहेगी.लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को अपने सुबह 8 बजकर 15 मिनट वाले मौसम बुलेटिन में कहा कि मानसून अगले 24 घंटे में केरल पहुंचेगा.
मानसून आने के मुख्य मानदंड
मौसम विभाग के मुताबिक , यदि 10 मई के बाद , केरल में स्थापित 14 मौसम निगरानी केंद्रों में से 60 प्रतिशत में लगातार दो दिन 2.5 मिली मीटर या उससे अधिक की वर्षा लगातार दो दिन तक दर्ज की जाती है , तो दूसरे दिन केरल में मानसून के प्रवेश की घोषणा की जा सकती है. यह मानसून आने के मुख्य मानदंडों में से एक है.