हम सभी पूजा करते समय भगवान की आरती अवश्य करते हैं। मान्यता है कि अगर पूजा के दौरान आरती की जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। शास्त्रों में आरती (aarti) का बेहद खास महत्व है। चाहें आप किसी भी भगवान की पूजा क्यों न कर रहे हों वो बिना आरती के पूरी नहीं हो सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि आरती का महत्व क्या है।
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हम आपको आरती का महत्व बता रहे हैं। साथ ही आरती करने का सही तरीका भी बता रहे हैं…
स्कंद पुराण के मुताबिक, विष्णु जी ने कहा है कि जो व्यक्ति बत्तियों से युक्त और घी से भरे हुए दीप को जलाता है और इसी के साथ आरती उतारता है तो वो कोटि कल्पों तक स्वर्गलोक में निवास करता है। साथ ही यह भी कहा है कि जो व्यक्ति मेरे आगे होती आरती का दर्शन करता है उसे परमपद की प्राप्ति होती है। अगर कोई व्यक्ति भगवान के आगे कपूर से आरती करता है तो उसे अनंत में प्रवेश मिलता है।
पूजा के आरती करने का तरीका
इसका तरीका बेहद आसान है। पूजा करते समय आरती की थाली को बेहद सुंदर तरीके से सजाना चाहिए। यह थाली तांबे, पीतल और चांदी की होनी चाहिए। इस थाली में थाली का उपयोग कर सकते हैं. आरती की थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, ताजे पुष्प और प्रसाद रखा जाता है। इसमें शुद्ध घी या कपूर भी रखा जाता है। आप थाली में आटे का दिया भी रख सकते हैं। आरती करने से आपके आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।
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