दिमाग हमारे पूरे शरीर की जानकारियों का स्टोररूम है
आजकल अच्छा खान-पान न होने के कारण याददाश्त का कमजोर होना एक आम समस्या है। ज्यादातर लोग अपनी भूलने की आदत से परेशान है। हमारा दिमाग हमारे पूरे शरीर की जानकारियों का स्टोररूम है। इसके विभिन्न हिस्सों में जानकारियां इकट्ठी होती हैं।
आमतौर पर मेमोरी को तीन हिस्सों में बांटा गया है जैसे- शार्ट टर्म मेमोरी, रिसेन्ट मेमोरी और रीमोट मेमोरी।
- शार्ट टर्म मेमोरी में हाल में घटित घटनाएं होती है या उन लोगों के नाम होते हैं जिन्हें आप हाल में मिले हों।
- रिसेन्ट मेमोरी में आपने सुबह क्या खाया है जैसी जानकारियां होती हैं।
- रीमोट मेमोरी में वो जानकारियां होती हैं जो सालों पहले हुई होती हैं जैसे बचपन की यादें।
बदलाव का असर
समय के साथ जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हमारा दिमाग भी बदलता रहता है। 20 वर्ष की उम्र की शुरूआत में दिमाग के सेल्स कम होने लगते हैं और हमारा शरीर भी हमारी दिमागी ज़रूरत से कम कैमिकल्स बनाने लगता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे हमारी याद्दाश्त पर इस बदलाव का असर होने लगता है।
उम्र का प्रभाव हमारी याददाश्त पर भी पड़ता है
हमारा दिमाग जानकारियों को विभिन्न प्रकार से इकट्ठा करता है और बढ़ती उम्र का प्रभाव हमारी याददाश्त पर भी पड़ता है कि किस तरीके से हमारा दिमाग घटनाओं को इकट्ठा करता है।
हमारी शार्ट टर्म और रिमोट मेमोरी पर उम्र का प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन हमारी रिसेंट मेमोरी उम्र से प्रभावित होती है। आप उन लोगों के नाम भूल सकते हैं जिनसे आप हाल में मिले हैं, यह नार्मल बदलाव है।
आप उस स्थिति की कल्पना नहीं कर सकते हैं जब आप कोई शब्द जानते हैं लेकिन वह आपके ध्यान में नहीं आ रहा होता है। यह आपकी याददाश्त में एक समस्या का विषय है। हो सकता है कि आप युवावस्था में ऐसा ना हो लेकिन उम्र के साथ अकसर ऐसी समस्याएं आ जाती हैं। यह अकसर हमें कुंठित कर देती है लेकिन यह समस्या बहुत ही आम है।
कारण
- हम सभी जानते हैं कि समय के साथ बहुत सी चीज़ें बदल जाती हैं और ऐसा उम्र के ढलने के साथ होना और भी आम हो जाता है। यह व्यक्ति को बहुत ही कुंठित करता है लेकिन यह उतना भी नुकसानदायी नहीं होता है।
- याद्दाश्त के कमज़ोर होने के कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं जैसे डीप्रेशन, बीमारियां, डिमेंशिया, एलज़ाइमर डीज़ीज़, ड्रग्स इस्तेमाल करने के साइड एफेक्ट, स्ट्रोक, सर में चोट लगना या शराब पीना।
- याद्दाश्त से जुड़ी समस्याएं तब और मुश्किल हो जाती जब वो हमारे रोज़मर्रा के कामों को प्रभावित करती हैं ा अगर आप किसी का नाम भूल जाते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर आप किसी ऐसे काम को करने का तरीका भूल जाते हैं जिसे आपने पहले कई बार किया है तो यह समस्या का विषय है।
- याद्दाश्त से जुड़ी दूसरी एक बीमारी का नाम है डिमेंशिया। यह बीमारी महीनों के या सालों के गुज़रने के साथ और भी खतरनाक होती जाती है। इस बीमारी में अपने आप को पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है इसलिए ऐसी स्थिति में अपने पारिवारिक डाक्टर से सम्पर्क करें। आपका डाक्टर आपको इस तरह की बीमारियों का समाधान बतायेगा।
बीमारी
अल्जाइमर रोग
अल्जाइमर रोग का प्रभाव हमारी मेमोरी पर पड़ता है। अल्जाइमर रोग पहले हमारी रिसेन्ट मेमोरी को बदलती है। शुरू में अल्जाइमर रोग के मरीज अपने इतिहास में हुई सिर्फ कुछ बातें ही याद रख पाते हैं और अपनी हालांकि बातें नहीं याद रख पाते। समय के साथ यह बीमारी मेमोरी के सभी भागों को प्रभावित करती है। अल्जाइमर रोग उम्र के साथ होने वाली बीमारी नहीं है। 65 वर्ष की आयु तक के लोगों में यह लगभग 10 प्रतिशत पायी जाती है। लेकिन 50 से 85 वर्ष की आयु तक के लोगों में यह लगभग 50 प्रतिशत लोगों में पायी जाती है।
याद्दाश्त से जुड़ी वो समस्याएं जो उम्र की वजह से नहीं होती हैं
- उन चीजों का इस्तेमाल करना भूल जाना जिन्हें आप रोज करते थे।
- उन कामों को करना भूल जाना जिन्हें आपने पहले बहुत बार किया है।
- एक ही बात में कुछ कथनों का बार-बार प्रयोग करना।
- हर दिन का रिकार्ड बना पाने में असमर्थ होना।
- पैसो को ठीक से खर्च ना कर पाना।