Kumbh Sankranti 2025: आत्मा के कारक सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव के राशि परिवर्तन से सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है। Kumbh Sankranti 2025
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संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। आइए, कुंभ संक्रांति की सही डेट (Kumbh Sankranti 2025) एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2025)
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आत्मा के कारक सूर्य देव 12 फरवरी की रात 09 बजकर 56 मिनट पर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वर्तमान समय में सूर्य देव मकर राशि में विराजमान हैं। मकर राशि में गोचर करने की तिथि पर सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। सूर्य देव 12 फरवरी को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद सूर्य देव 14 मार्च को मीन राशि में गोचर करेंगे। इससे पूर्व सूर्य देव 19 फरवरी को शतभिषा और 04 मार्च को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे।
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शुभ मुहूर्त (Kumbh Sankranti Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन सूर्य देव कुंभ राशि में गोचर करेंगे। आसान शब्दों में कहें तो 12 फरवरी को कुंभ संक्रांति मनाई जाएगी। कुंभ संक्रांति तिथि का पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 09 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 18 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 09 मिनट तक है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर गंगा स्नान कर सकते हैं।
शुभ योग (Kumbh Sankranti Shubh Yog)
कुंभ संक्रांति पर सौभाग्य और शोभन योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, अश्लेषा और मघा नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग। इन योग में सूर्य देव की पूजा करने से मनचाहा वर प्राप्त होगा।
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