सकट चौथ का पर्व 13 जनवरी को मनाया जाएगा…
सकट चौथ का त्योहार आने वाला है. सकट चौथ पर गणपति की पूजा से सारे संकट दूर हो जाते हैं. सकट चौथ का व्रत विशेष तौर पर संतान की दीर्घायु और सुखद भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है. सकट चौथ माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि सकट चौथ के व्रत से संतान की सारी बाधाएं दूर होती हैं. इस वर्ष सकट चौथ का पर्व 13 जनवरी को मनाया जाएगा.
सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, वक्रकुंडी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से थे
इसी दिन भगवान गणेश अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से निकलकर आए थे. इसीलिए इसे सकट चौथ कहा जाता है. एक बार मां पार्वती स्नान के लिए गईं तो उन्होंने दरबार पर गणेश को खड़ा कर दिया और किसी को अंदर नहीं आने देने के लिए कहा. जब भगवान शिव आए तो गणपति ने उन्हें अंदर आने से रोक दिया. भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया. पुत्र का यह हाल देख मां पार्वती विलाप करने लगीं और अपने पुत्र को जीवित करने की हठ करने लगीं.
जब मां पार्वती ने शिव से बहुत अनुरोध किया तो भगवान गणेश को हाथी का सिर लगाकर दूसरा जीवन दिया गया और गणेश गजानन कहलाए जाने लगे. इसी दिन से भगवान गणपति को प्रथम पूज्य होने का गौरव भी हासिल हुआ. सकट चौथ के दिन ही भगवान गणेश को 33 करोड़ देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ. तभी से यह तिथि गणपति पूजन की तिथि बन गई. कहा जाता है कि इस दिन गणपति किसी को खाली हाथ नहीं जाने देते हैं.