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जानें क्या है , चरण स्पर्श के नियम और लाभ…
हिन्दू संस्कारों में अभिवादन की परंपरा पायी जाती है. अभिवादन के कई तरीके भी हैं. हाथ जोड़कर प्रणाम करना, और चरण स्पर्श करना अभिवादन ही है परन्तु चरण स्पर्श करना एक विशेष आध्यात्मिक और वैज्ञानिक प्रक्रिया भी है. सही तरीके से चरण स्पर्श करके अद्भुत लाभ हो सकते हैं. इससे भाग्य बेहतर हो सकता है, संकट मिट सकते हैं और ईश्वर की अनुभूति हो सकती है.
चरण स्पर्श से लाभ क्यों होते हैं
- हर व्यक्ति के अंदर एक विशेष तरह की ऊर्जा होती है-
- यह व्यक्ति के हाथों और पैरों की अँगुलियों में प्रवाहित होती रहती है-
- यह ऊर्जा स्पर्श से एक दूसरे तक पंहुच जाती है-
- हाथों से पैरों को स्पर्श करते ही व्यक्ति ऊर्जा खींच लेता है-
- इसी प्रकार से सर पर हाथ रखते ही व्यक्ति अपनी ऊर्जा दे देता है-
- अगर ऊर्जा शुभ है तो तत्काल लाभ होता है
चरण स्पर्श करने के नियम क्या हैं…
- चरण, उसी के स्पर्श करें, जिसके प्रति मन में श्रद्धा हो
- और जो श्रद्धा के योग्य हो
- अगर झुककर चरण स्पर्श कर रहे हैं तो हाथों की अँगुलियों से पैरों का अंगूठा छुएं
- अगर घुटनों के बल बैठकर कर रहे हैं तो अपना सर चरणों में रक्खें
- साष्टांग प्रणाम केवल अपने गुरु या ईष्ट को करें, अन्य किसी को नहीं
- महिलाओं को साष्टांग प्रणाम करना मना है
- माता पिता को अपनी पुत्रियों से चरण स्पर्श नहीं करवाने चाहिए
- जब भी कोई चरण स्पर्श करे तो उसके सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दें `
चरण स्पर्श करके कैसे ग्रहों को अनुकूल करें
- पिता के चरण स्पर्श करने से सूर्य की पीड़ा समाप्त होती है
- माँ के चरण स्पर्श करने से चन्द्रमा अनुकूल होता है
- स्त्री के चरण स्पर्श करने से बुध और शुक्र मजबूत होंगे
- भाई और बहन के चरण स्पर्श करने से मंगल की समस्याएं दूर होंगी
- सात्विक, सदाचारी और ईमानदार व्यक्ति के चरण स्पर्श से शनि, राहु, केतु नियंत्रित होंगे
- वृद्ध व्यक्ति के चरण स्पर्श करने से बृहस्पति मजबूत होगा
- संतों और महात्माओं के चरण स्पर्श करने से हर तरह की बाधा दूर होती है
- समस्त ग्रहों की पीड़ा शांत होती है
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