जानें, क्यों मनाई जाती है #GaneshChaturthi
#GaneshChaturthi : जैसे कि सब जानते हैं कि आज से हर घर में श्री गणेश के नाम के जैकारों की गूंज सुनाई देगी क्योंकि आज के दिन भाद्रपद महीने की गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोगों के घर बप्पा का आगमन होता है। लोक मान्यता के अनुसार वैसे तो बप्पा को घर में 10 दिन रखने की परंपरा है, लेकिन लोग इन्हें अपनी इच्छानुसार घर में रखते हैं। कोई इन्हें 1 दिन के लाता है तो कोई इन्हें 3 दिन, तो कोई 4 दिन। क्योंकि हिंदू धर्म में कोई भी पूजा, हवन या मांगलिक कार्य भगवान गणेश की स्तुति के बिना अधूरा है। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी यानि कि भगवान गणेश के जन्मदिवस को पूरे देश में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। लेकिन बहुत से लोग होंगे जिन्हें इसे मनाने का असलीव कारण नहीं पता होगा
तो आइए जानते हैं इस मनाने की असली वजह
इस त्योहार की धूम महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक देखने को मिलती है। इस हिंदू त्योहार का केवल धार्मिक महत्व नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक माना जाता है। इतिहास के पन्नों पर गौर की जाए तो आज़ादी से पहले लोक मान्य तिलक ने पूरे देश की जनता के बीच एकता को बढ़ाने के लिए इस पर्व को मनाने का फैसला किया था। छत्रपति शिवाजी महाराज के काल में भी यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता था।
गणेशोत्सव मनाया जाता है
पुराणों और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्रीगणेश का जन्म हुआ था। इसके उपलक्ष्य में इस त्योहार को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। ज्यादातर महाराष्ट्र और उसके आस-पास के क्षेत्रों में गणेश चतुर्थी के बाद 10 दिन तक गणेशोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु अपने घर में भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और पूरे दस दिन गणेश भगवान की पूजा करते हैं। गणेशोत्सव के आखिरी दिन यानि अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति जी का विसर्जन किया जाता है।
इस बार गणेश चतुर्थी 13 सितंबर को पड़ रही है। यह चतुर्थी सालभर की चतुर्थियों में सबसे अहम होती है। इसी दिन भगवान गणेश की प्रतिमा घर में स्थापित की जाती है। इसके बाद दस दिन तक घर में भगवान गणेश की पूजा की जाती है। बताया गया है कि भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और संपन्नता आती है। कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं, कहा जाता है कि व्रत रखने से भगवान गणेश खुश होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। ऐसे में भक्त बड़ी ही श्रद्धाभाव से गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं।
गणेश और राहु कनेक्शन
ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार की चतुर्थी स्वाति नक्षत्र में गुरुवार के दिन पड़ रही है। जिन लोगों की कुंडली में राहु की दशा ठीक नहीं चल रही तो उनके लिए यह गणेश चतुर्थी शुभ फल प्रदाता हो सकती है। इसके साथ ही जिन लोगों को बहुत मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही उनके लिए यह चतुर्थी अति शुभ है।
पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं
हिंदू धर्म के धार्मिक ग्रथों में गणपति के जन्म को लेकर कुछ पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से एक के अनुसार माता पार्वती ने खुद के शरीर को हल्दी का लेप लगाया गया था। जब उन्होंने अपना लेप हटाया तो उन टुकड़ों से उन्होंने एक मूर्ति बनाई। इसके बाद उन्होंने उसमें प्राण डाल दिए। इस तरह से भगवान गणेश का जन्म हुआ। इसके बाद वे भगवान शिव और माता पार्वती के बेटे कहलाए जाने लगे। इसके अलावा भी उनके जन्म को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। मालूम हो कि गणेश चतुर्थी का यह शुभ त्योहार महाराष्ट्र, गोवा, केरल और तमिलनाडु सहित कई राज्यों में काफी जोश के साथ मनाया जाता है।