जानें क्यों है खास , यहां बन रही दुनिया की सबसे ऊंची शिव मूर्ति
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के बाद भारत में अब शिव की सबसे ऊंची मूर्ति बनाई जा रही है. इस मूर्ति का निर्माण राजस्थान में उदयपुर के नजदीक नाथद्वारा में हो रहा है. इस मूर्ति का अनावरण इस साल के अंत तक किए जाने की संभावना है.
इस मूर्ति को ‘स्टैच्यू ऑफ बिलीफ’ नाम दिया गया है.
नाथद्वारा में स्थित गणेश टेकरी में बन रही शिव की प्रतिमा पर काम बहुत तेजी से हो रहा है. यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसका काम अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है. आइए जानते हैं इस मूर्ति में क्या खास है.
यह प्रतिमा 351 फुट की होगी. सीमेंट कंक्रीट से बन रही इस शिव प्रतिमा में आधार 110 फीट गहरा है जबकि पंजे की लंबाई 65 फीट बताई जा रही है. पंजे से घुटने तक की ऊंचाई 150 फीट है जबकि कंधा 260 फीट और कमरबंद 175 फीट पर स्थित है.इस शिव प्रतिमा का स्थल क्षेत्र 25 बीघा में फैला हुआ है. जबकि प्रतिमा में त्रिशूल की लंबाई 315 फीट है, गर्दन 275 फीट पर है और भगवान शिव का चेहरा 60 फीट लंबा है.
प्रतिमा का काम 2012 में शुरू हुआ था और इसका काम अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है. इसे बनाने में 2 हजार 200 टन से ज्यादा स्टील लग रहा है. इसमें 2500 टन एंगल, 2500 टन सरिया इस्तेमाल हो चुका है और 750 कारीगर और श्रमिक प्रतिदिन काम कर रहे हैं.
पर्यटकों की सुविधा के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियों का प्रावधान रखा गया है. पयर्टक 280 फुट की ऊंचाई तक जा सकेंगे. प्रतिमा को 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांकरोली फ्लाईओवर से देखा जा सकता है.
प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान और आराम की मुद्रा में हैं. रात में भी प्रतिमा को स्पष्ट रूप से देखने के लिए इसमें विशेष लाइट लगाई जा रही है, जिसे अमेरिका से मंगाया गया है.