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Jaihindtimes
CHANDIGARH
शहर के गरीब तबके को पौष्टिकता (न्यूट्रीशन)उपलब्ध कराने के लिए सोशल वेलफेयर विभाग जागरुकता अभियान चलाएगा। इस अभियान के दौरान गरीब तबके के लोगों को ऐसी लो कॉस्ट रेसिपी बताई जाएगी जिससे कम पैसे खर्च कर उन्हें ज्यादा न्यूट्रीशन (पौष्टिकता)वेल्यू मिले। लो कॉस्ट रेसिपी क्या होगी इसका केंद्र सरकार की ओर से अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है। लो कॉस्ट रेसिपी क्या होगी इसको लेकर एक्सपर्ट कमेटी तय करेगी और समाज कल्याण विभाग के पास इससे संबंधित खाका भेजेगी।
तीन से छह साल के बच्चों में जो समस्या देखने में आ रही है वह यह है कि जो भोजन वह कर रहे हैं उसमें ज्यादा पौष्टिकता नहीं है। यही समस्या गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को अपना दूध पिला रही महिलाओं में पेश आ रही है। इनमें न्यूट्रीशनल वेल्यू की मात्रा बढ़े ताकि 3 से 6 साल के बच्चों और गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे का सही विकास हो, उसके लिए लो कॉस्ट रेसिपी पर काम चल रहा है। समाज कल्याण विभाग की डायरेक्टर नवजोत कौर का कहना है कि उनका काम महज लोगों में जागरुकता फैलाना है। कम लागत वाली रेसिपी क्या होगी, यह केंद्र सरकार की ओर से ही निर्धारित होगा। एक्सपटर््स इस बाबत तय कर उन्हें तो केवल इस रेसिपी के बारे सूचित करेंगे। इसके संदर्भ में हम अपने आंगनवाड़ी सेंटरों की र्मा त गरीब तबके से जुड़े बच्चों और महिलाओं को जानकारी देंगे। नवजोत कौर के मुताबिक हेल्थ चैकअप, इ यूनाइजेशन, सप्लीमेंटरी न्यूट्रीशन, रेफरल सर्विसेज इत्यादि के बारे इस दौरान जागरुक किया जाता है।
शहर के विभिन्न आंगनवाड़ी सेंटरों को चुस्त दुरुस्त किया जा रहा है। स्कीम सही से लागू हो इसके लिए सोशल वेलफेयर विभाग में अतिरिक्त मुलाजिमों की तैनाती भी की जा रही है। शहर की बड़ी आबादी है जिसके खानपान में अभी पौष्टिकता का अभाव है। यहां बता दें कि केंद्र सरकार प्रायोजित स्कीम चल रही है जिसमें इंटीग्रेडिड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज प्रोजेक्ट प्रमुख है। इसके तहत न्यूट्रीशनल वेल्यू चैक की जाती है। शहर के आंगनवाड़ी सेंटर इस काम में विभाग की मदद करते हैं। इस वक्त शहर में 420 आंगनवाड़ी सेंटर हैं। यहां कर्मचारियों की टीम बनाई गई है जो अपने अपने क्षेत्र का ध्यान रखेंगी। नवजोत कौर ने बताया कि कुछ कर्मचारियों की भर्ती की गई है लेकिन ज्यादातर स्टाफ का रेशनेलाइजेशन किया गया है ताकि सब सेंटरों पर बेहतर काम हो सके।
10 प्रतिशत राशि स्टेट को लगाना होगा
स्कीम के तहत 90 प्रतिशत राशि सेंटर जबकि 10 प्रतिशत राशि स्टेट को जुटानी होती है। स्कीम के इस वक्त बड़ी तादाद में बेनीफिशेरिज हैं। खासतौर से गरीब तबके के छोटे बच्चे, गर्भवती व छोटे बच्चों को दूध पिलाती महिलाएं इस स्कीम के दायरे में हैं। सोशल वेलफेयर विभाग उन स्थानों पर टारगेट कर रहा है जहां ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा हो सकती है। इसमें शहर की कालोनियां, लो इनकम से जुड़े लोगों की रिहाइश इत्यादि शामिल हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों, सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने पहुंची महिलाओं पर योजना के तहत फोकस हैं।
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