Mahakumbh 2025: महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है। पौष पूर्णिमा पर सुबह 4 बजे से पहला स्नान चल रहा है। 44 घाटों पर शाम 6 बजे तक 1 करोड़ 60 लाख श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। Mahakumbh 2025
144 साल बाद बन रहा अनूठा संयोग, Makar Sankranti पर होगा ‘अमृत स्नान’
भक्तों पर हेलिकॉटर से फूलों की वर्षा की गई। महाकुंभ 144 साल में दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है। यह वही संयोग है, जो समुद्र मंथन के दौरान बना था। maha kumbh mela
kumbh mela 2025
देश के कोने-कोने से भक्त प्रयागराज आए हैं। भीड़ इतनी है कि 3700 लोग अपनों से बिछड़ गए। बाद में खोया-पाया केंद्र से अनाउंसमेंट कर ज्यादातर लोगों को उनके परिवार वालों से मिलवाया गया। हेलिकॉप्टर और NSG कमांडो महाकुंभ में आए लोगों पर नजर रख रहे हैं। विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी तादाद में कुंभ में स्नान करने पहुंचे। प्रशासन के मुताबिक, जर्मनी, ब्राजील, रूस समेत 20 देशों से भक्त पहुंचे हैं। आज से ही श्रद्धालु 45 दिन का कल्पवास शुरू करेंगे।
पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ हुआ Mahakumbh शुरू, देखें PHOTOS
जानें, कुंभ मेले से कैसे अलग है महाकुंभ, आध्यात्मिक महत्व, कहां लगता है…
Mahakumbh Prayagraj : शाम को भी श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी
पवित्र संगम तट पर श्रद्धालुओं का समुद्र उमड़ रहा है, देश विदेश से आये श्रद्धालु 144 वर्षों के बाद आये इस दुर्लभ संयोग में मां गंगा के किनारे पूजा अर्चना कर पुण्यलाभ कमा रहे हैं। शाम को भी श्रद्धालु पुण्य पाने के लिए गंगा में डुबकी लगाते नजर आए।
चंद्रमा की गलती से आस्था का केंद्र बन गया महाकुंभ
Makar Sankranti 2025: कर लें ये काम, 19 साल बाद अद्भुत संयोग
Mahakumbh 2025: सनातन परंपरा और भारतीय संस्कृति की एकता और दिव्यता को दर्शाता है महाकुंभ
प्रयागराज की पावन धरा पर सनातन संस्कृति का महापर्व महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हुआ। पूज्य साधु-संतों, तपस्वी कल्पवासियों, और करोड़ों श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक उल्लास और भक्ति भाव से संगम में पवित्र डुबकी लगाई। पहले ही दिन संगम की धाराओं में आस्था का ऐसा अद्भुत प्रवाह दिखा कि 1.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान कर पुण्य अर्जित किया। यह दृश्य हमारी सनातन परंपरा और भारतीय संस्कृति की एकता और दिव्यता को दर्शाता है।
क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति, नए साल में कब है, शुभ मुहूर्त
जानिए, कब रखा जाएगा सकट चौथ व्रत, कथा