Mahakumbh 2025: महाकुंभ का समापन अगले महीने 26 फरवरी को है। इस दिन महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान होगा। Mahakumbh 2025
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महाकुंभ (Mahakumbh) में संगम के किनारे लेटे हनुमान जी मंदिर (temple legend) में बेहद खास रौनक देखने को मिल रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि लेटे हनुमान मंदिर (Hanuman temple) की मान्यता के बारे में। Mahakumbh 2025
नहीं प्राप्त होता है पूर्ण फल (do not get full results)
अगर आप भी महाकुंभ जा रहे हैं, तो संगम में स्नान (Kumbh Snan) करने के बाद लेटे हनुमान जी के दर्शन जरूर करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, लेटे हनुमान जी के दर्शन न करने से संगम स्नान का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतना प्रसिद्ध क्यों हैं लेटे हनुमान मंदिर (Lete Hanuman Mandir)? अगर नहीं पता, तो चलिए आपको बताएंगे इस मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
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उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में संगम के किनारे लेटे हनुमान मंदिर है। यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध माना जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में हैं। ऐसा बताया जाता है कि जब यहां पर बाढ़ आती है, तो मंदिर में पानी भर जाता है। तो हनुमान जी गंगा स्नान करते हैं।
यह दुनिया में एक ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, संगम में स्नान का पूर्ण फल लेटे हनुमान जी के दर्शन करने के बाद ही मिलता है।
ऐसी मान्यता है कि लेटे हनुमान जी के दर्शन करने से सभी मुरादें पूरी होती हैं और जीवन में आ रहे दुख एवं संकट से छुटकारा मिलता है। लेटे हनुमान मंदिर में मंगलवार और शनिवार या फिर किसी पर्व के दिन बेहद खास भीड़ देखने को मिलती है। श्रद्धालु मनोकामनाएं पूरी होने के बाद हनुमान जी को झंडा निशान चढातें हैं। साथ ही बजरंगबली की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
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कैसे पड़ा लेटे हनुमान मंदिर का नाम
मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद बजरंगबली लौट रहे थे, तो प्रभु को थकावट महसूस हुई, तो ऐसे में माता सीता के कहने पर बजरंगबली ने संगम के किनारे लेट गए। इसी वजह इस जगह पर लेटे हनुमान मंदिर बनवाया गया। इस मंदिर से जुड़ी खास बता दें कि मंदिर में गंगा जी प्रवेश करती हैं, तो गंगा के जल में हनुमान डूब जाते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। JAIHINDTIMES इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है।