सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन
रक्षाबंधन का त्योहार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार यानी 3 अगस्त को पड़ रहा है. ये रक्षाबंधन बहुत खास होने वाला है क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु का शुभ संयोग बन रहा है. पंडित के अनुसार रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है.
आइए जानते हैं कि रक्षाबंधन के दिन किस शुभ मूहुर्त में राखी बांधना शुभ रहेगा. साथ ही इन संयोग का किस तरह से लाभ उठाया जा सकता है.
शुभ मुहूर्त
राखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए. कहते हैं कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांध दी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया. 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है. राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा. दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है. इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9.30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है.
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महासंयोग
रक्षाबंधन के दिन बहुत ही अच्छे ग्रह नक्षत्रों का संयोग बन रहा है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है.
इस संयोग में सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके अलावा इस दिन आयुष्मान दीर्घायु योग है यानी भाई-बहन दोनों की आयु लंबी हो जाएगी. इसके साथ ही 3 अगस्त को सावन की पूर्णिमा है.
ऐसा संयोग बहुत कम आता है कि सोमवार के दिन पूर्णिमा पड़ जाए. इसके अलावा 3 अगस्त को चंद्रमा का ही श्रवण नक्षत्र है. मकर राशि का स्वामी शनि और सूर्य आपस मे समसप्तक योग बना रहे हैं. शनि और सूर्य दोनों आयु बढ़ाते हैं. ऐसा संयोग 29 साल बाद आया है.
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