इनके अंग अंग में आशीर्वाद और वरदान निर्लिप्त हैं
#ShriGanesh : किसी भी सफल कार्य के लिए किसी भी देव की पूजा से पूर्व श्रीगणपति की पूजा यानी गणपति वंदन का पौराणिक विधान है. गणपति को मंगलमूर्ति कहते हैं, क्योंकि इनके अंग अंग में आशीर्वाद और वरदान निर्लिप्त हैं, जो जीवन को सही दिशा में जीने का संदेश देते हैं. भक्तों पर लंबोदर अंग अंग से कृपा बरसाते हैं. तभी तो वो शुभता के देव कहलाते हैं.
आइए आपको बताते हैं भगवान गणेश के विभिन्न अंगों का क्या महत्व है.
अंग-अंग से मिलेगा वरदान
गणेश जी के कान सूप जैसे बड़े हैं इसलिए इन्हें गजकर्ण और सूपकर्ण भी कहा जाता है. अंग विज्ञान के अनुसार लंबे कान वाले व्यक्ति भाग्यशाली और दीर्घायु होते हैं. गणेश जी के लंबे कानों का एक रहस्य ये भी है कि वो सबकी सुनते हैं.
बड़ा सिर
भगवान गणेश बुद्धि और विवेक से निर्णय लेते हैं. गणपति के सिर के दर्शन करने से गजविनायक बुद्धिशाली और विवेकशाली होने का वर मिलता है. साथ ही ये भी भाव पैदा करते हैं कि भक्त अपनी तार्किक शक्ति के सही और गलत में सही निर्णय ले सके. इसका उदाहरण गणपति की कथाओं में भी है.
श्रीगणेश के कल्याणकारी सूंड की
गजानन की सूंड हमेशा हिलती-डुलती रहती है. सूंड हमेशा हर पल सक्रिय रहने का संकेत देती है. श्रीगणेश की सूंड के दर्शन से दुख और गरीबी का सामना कभी नहीं करना पड़ता. गजानन की सूंड का दर्शन भक्तों को हमेशा सजग और सक्रिय रहने का वर देता है.
दायीं या बायीं ओर वाली सूंड
शास्त्रों में गणेश जी की सूंड की दिशा का भी अलग-अलग महत्व बताया गया है. मान्यता है कि जो व्यक्ति सुख-समृद्वि चाहते हों, उन्हें दायीं ओर सूंड वाले गणेश की पूजा करनी चाहिए. शत्रु को परास्त करने और ऐश्वर्य पाने के लिए बायीं ओर मुड़ी सूंड वाले गणेशजी की पूजा लाभप्रद होती है.
भगवान गणेश का बड़ा पेट
गणपति का पेट बहुत बड़ा है. इसीलिए उन्हें लंबोदर भी कहा जाता है. गणपति के बड़े पेट के दर्शन से भक्तों में हर अच्छी और बुरी बातों को पचा लेने का गुण विकसित होता है. किसी भी विषय पर निर्णय लेने में सूझबूझ का भाव स्थापित होता है. अंग विज्ञान के अनुसार बड़ा उदर खुशहाली का प्रतीक है.
एकदंत
भगवान गणेश और परशुराम के बीच हुई लड़ाई में भगवान गणेश का एक दांत टूट गया था इस कारण से उन्हें एकदंत कहते है. भगवान गणेश ने अपने टूटे हुए दांत को लेखनी बना लिया और उससे पूरी महाभारत लिख दिया था. उनका टूटा हुआ दांत यह देता है कि हमें हर एक चीज का सही उपयोग करना चाहिए.
छोटी आंखें
भगवान गणेश की आंखे छोटी है. कहा जाता बै कि छोटी आंखों वाला व्यक्ति चिंतनशील और गंभीर स्वभाव का होता है. यानी गणपति की आंखें यह संदेश देती है कि हर चीज का गहराई से अध्ययन करना चाहिए. ऐसा करने से आप सही फैसला कर पाते हैं.