हिन्दू कैलेंडर के 9वें मास मार्गशीर्ष का आज 01 दिसंबर से प्रारंभ हो गया है। आज मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिप्रदा है। इस मास की पूर्णिमा तिथि मृगशिरा नक्षत्र वाली होती है, इसलिए इसे मार्गशीर्ष मास (MargashirshaMaas) कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि मार्गशीर्ष मास उनका ही स्वरुप है। मार्गशीर्ष मास में नदी स्नान मात्र से ही समस्त पाप नष्ट होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने एक बार गोपियों को बताया था कि मार्गशीर्ष मास (MargashirshaMaas) में यमुना स्नान से व्यक्ति उनको प्राप्त कर सकता है। इसके बाद से मार्गशीर्ष मास में नदी स्नान की परंपरा प्रारंभ हुई।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष मास में भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करना और गायत्री मंत्र का जाप करना अत्यंत कल्याणकारी होता है।
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आइए जानते हैं कि इस मास में मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए क्या करना चाहिए…
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इस मास में भगवान विष्णु (vishnu) की पूजा करें। उनको तुलसी पत्र अर्पित करें। फिर उसे प्रसाद के रुप में ग्रहण करें।
इस पवित्र मार्गशीर्ष मास में शंख की पूजा करें। उसमें पवित्र जल भरें और भगवान श्रीकृष्ण के चारों ओर घुमाएं। उसके बाद उस जल को पूरे घर में छिड़क दें। इससे परिवार में सुख और शांति आएगी।
इस मास में ओम दामोदराय नमः मंत्र का जाप करें तथा गुरु को प्रणाम करें। इससे आपके कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप भी अच्छा होता है।
मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है, इसलिए आपको इस माह में प्रत्येक दिन स्नान के बाद विष्णु सहस्रनाम, गजेन्द्रमोक्ष तथा भगवत गीता का पाठ करना चाहिए। यह समस्त पापों को नष्ट करने वाला तथा मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है।
मार्गशीर्ष मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करें क्योंकि यह मास उनका ही स्वरूप है। उनकी पूजा आपके मनाकामनाओं की पूर्ति कर सकती है।
मार्गशीर्ष मास में कभी भी संभव हो तो एक बार यमुना में स्नान करें तथा श्रीकृष्ण की पूजा करें। यह फलदायी होता है।
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