#Mayawati : मोदी-योगी सरकार पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो #Mayawati ने नौकरशाही में ऐतिहासिक बदलाव पर केंद्र सरकार और गोरखपुर में डॉक्टर कफील खान के भाई पर जानलेवा हमले के लिए योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
नौकरशाही और कानून-व्यवस्था
केंद्र की मोदी सरकार ने लैटरल एंट्री के माध्यम से 10 संयुक्त सचिव (जॉइंट सेक्रेटरी) पद के लिए अधिसूचना जारी करते हुए आवेदन आमंत्रित किए हैं, जिसमें अब संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित होने वाली सिविल सर्विसेज परीक्षा पास किए बगैर ही दूसरे क्षेत्रों के पेशेवर लोग वरिष्ठ अधिकारी बन सकते हैं.
मोदी सरकार प्रशासनिक व्यवस्था बनाने में नाकाम
- इस फैसले के बाद सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं और राजनीतिक हलकों में इसकी आलोचना भी की जा रही है. मायावती को भी सरकार का यह फैसला रास नहीं आया.
- गैर आईएएस को संयुक्त सचिव स्तर पर नियुक्ति की नीति पर सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी नाराजगी जताई.
- उन्होंने कहा कि इससे एसससी/एसएसटी को इस स्तर पर मिलने वाली प्रथमिकता खत्म हो जाएगी.
- उन्होंने इस संबंध में जारी प्रेस रिलीज के जरिए कहा कि सरकारी विभागों में डायरेक्ट बिना यूपीएससी परीक्षा के 10 संयुक्त सचिवों की भर्ती साफ करती है कि मोदी पूरी तरह से प्रशासनिक व्यवस्था में विफल रहे हैं.
- उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार केवल बयानबाजी और जुमलेबाजी कर रही है.
- यह एक खतरनाक प्रवृत्ति भी है और केंद्र में नीति निर्धारण के मामले में बड़े-बड़े पूंजीपतियों और रईसों के प्रभाव के बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं.
योगी सरकार पर भी बरसीं
- इसके अलावा मयावाती ने गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान के भाई काशिफ जमील पर जानलेवा हमले और वकील रवि किशोर की हत्या को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है.
- उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है. प्रदेश में जंगलराज चल रहा है और अव्यवस्था का आलम है.
- बसपा सुप्रीमो ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी शासन में बीजेपी कार्यकर्ता और नेता जिस तरह से तय कानून का मजाक बना रहे हैं, वो ‘सैंया भये कोतवाल’ वाला माहौल बना रहा है.