#Mayawati ने बताया गठबंधन में कांग्रेस को क्यों नहीं…
लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी के विजयरथ को उत्तर प्रदेश में रोकने के लिए बसपा अध्यक्ष#Mayawati और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गठबंधन का एलान कर दिया है. कांग्रेस को इस गठबंधन से बाहर रखा गया है. कांग्रेस को साथ न लेने की वजह मायावती ने बताई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नीतियां एक तरह की है. इसके अलावा कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का अनुभव सपा और बसपा के लिए बेहतर नहीं रहे हैं, इसी मद्देनजर उन्हें शामिल नहीं किया गया है. हालांकि मायावती ने कहा कि रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ गठबंधन अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगा.
नहीं मिल सका था फायदा
मायावती ने कहा कि सपा-बसपा दोनों ने पूर्व में कांग्रेस से गठबंधन कर चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन इसका अनुभव सभी नहीं था. बसपा ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ 1996 में गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें हमारा वोट तो कांग्रेस के लिए ट्रांसफर हुआ लेकिन कांग्रेस का वोट हमारी पार्टी को नहीं मिला. इसी तरह से 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन उसका भी फायदा सपा को नहीं मिल सका था.
ट्रांसफर हो जाता है वोट
उन्होंने कहा कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत कांग्रेस का वोट बीजेपी में ट्रांसफर हो जाता है. इसी के चलते कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं किया है. जबकि सपा-बसपा ने पहले गठबंधन करके देख चुके हैं. उपचुनाव में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता एक दूसरे को पूरी ईमानदारी से वोट करते हैं. उन्हें कोई परहेज नहीं होता है.
कांग्रेस को खरी-खरी
जबरदस्त घोटाले हुए हैं दोनों की सरकारों में
उन्होंने कहा कि बीजेपी एंड कंपनी का नजरिया और शासन का तरीका एक ही जैसा रहा है. रक्षा सौदे की खरीदारी में कांग्रेस और बीजेपी दोनों की सरकारों ने जबरदस्त घोटाले हुए हैं. कांग्रेस राज में बोफोर्स घोटाला हुआ, जिसके चलते उनकी सरकार चली गई थी. इसी तरह बीजेपी को राफेल मामले में सरकार गवांनी पड़ेगी.