RAHUL PANDEY
Medicines for Newborns Finished in SNCU in KANPUR GSVM: जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में सिक एंड न्यू बार्न केयर यूनिट में दवाएं खत्म हो गई हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) का पहले मिला बजट खत्म हो चुका है। नया बजट अभी मिला नहीं है। ऐसे में यहां भर्ती बच्चों के माता-पिता को महंगी दवाओं से लेकर वीगो तक मजबूरी में बाहर से खरीदनी पड़ रही है। वहीं, डाक्टर भी मदद करने में हाथ खड़े कर देते हैं।(Medicines for Newborns Finished in SNCU in KANPUR GSVM)
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10-12 जिलों के बच्चे जटिलता होने पर रेफर होकर आते हैं
मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के एसएनसीयू में 25 बेड हैं, जबकि यहां 60-70 बच्चे भर्ती रहते हैं। यहां शहर समेत आसपास के 10-12 जिलों के बच्चे जटिलता होने पर रेफर होकर आते हैं। यही वजह है कि क्षमता से दो-ढाई गुणा अधिक बच्चे यहां भर्ती रहते हैं। फिर भी यहां बच्चों के इलाज को जरूरी एंटीबायोटिक और नार्मल स्लाइन से लेकर अन्य दवाएं नहीं हैं। तीमारदारों को दवाएं व जरूरी सामग्री बाहर से खरीदनी पड़ती है। गंभीर बच्चों के लिए सेंट्रल लाइन तक नहीं मिलती है, जिसके लिए तीन से चार हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
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हर साल एनएचएम से मिलता बजट
एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) से हर साल एसएनसीयू के लिए दवाएं और कम्ज्यूमेबल के लिए बजट मिलता है। कोरोना काल में बजट कम मिला था। नए वित्तीय वर्ष में अभी तक बजट मिला नहीं है। इसकी वजह से यहां भर्ती होने वाले जरूरतमंद बच्चों का इलाज प्रभावित हो रहा है।
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नए वित्तीय वर्ष में अभी तक बजट नहीं मिला है
एनएचएम से बीते वर्ष 10 लाख रुपये, जबकि वर्ष 20-21 में 20 लाख रुपये बजट मिला था। अब बजट खत्म हो गया है। सीएमओ को प्रस्ताव भेजा गया है। नए वित्तीय वर्ष में अभी तक बजट नहीं मिला है। इस वजह से बच्चों के इलाज में दिक्कत आ रही है।
प्रो. यशवंत राव, विभागाध्यक्ष, बाल रोग, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
बाल रोग के एसएनसीयू में बीते दो वर्ष की तुलना में इस बार अधिक बच्चे भर्ती हुए। इसे देखते हुए इस बार 40 लाख रुपये बजट मांगा गया है। इसके लिए शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। बीते वर्ष एसएनसीयू में 2500 बच्चे भर्ती हुए थे।
– डा. नैपाल सिंह, सीएमओ, कानपुर नगर।
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