#MehboobKhan : घोड़े की नाल बनाने वाले से फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने तक का…
फिल्म निर्देशक #MehboobKhan का जन्म 9 सितंबर, 1907 को गुजरात के बिलिमोड़ा शहर में हुआ था. अपनी अद्भुत कला के माध्यम से उन्होंने भारतीय सिनेमा का परिचय विदेश से करवाया. मदर इंडिया फिल्म को भला कौन भूल सकता है. इस फिल्म ने ऑस्कर तक का सफर तय किया. फिल्म अवॉर्ड लेने में तो असफल रही मगर फिल्म ने भारतीय सिनेमा को नई दिशा जरूर दिखाई.
28 मई, 1964 को 56 वर्ष की उम्र में महबूब खान का निधन हो गया था. उनकी पुण्यतिथि पर जानिए महबूब खान के जीवन से जुड़े कुछ किस्से.
फिल्म निर्देशक महबूब खान ने 30 साल के करियर में कुल 24 फिल्मों का निर्देशन किया था. मदर इंडिया इनमें से सबसे ज्यादा चर्चा में रही. इसके अलावा वतन, औरत, बहन, तकदीर, अनमोल घड़ी, अंदाज, आन और अमर जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई. उनकी फिल्मों में महिलाओं के सम्मान के प्रति खास झुकाव होता था.
एक्टर बनने का शौक था
बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि महबूब खान को निर्देशक नहीं बल्कि एक एक्टर बनने का शौक था. 16 साल की उम्र में वे घर से भागकर एक्टिंग करने के लिए मुंबई आ गए थे. मगर जब उनके पिता को इस बारे में पता चला वे महबूब को वापस घर ले आए. मगर एक्टर बनने का सपना उनके मन में अभी भी था. समय बीतता गया. जब महबूब 23 साल के हुए तो फिल्म इंडस्ट्री के एक जानकार संग मुंबई आ गए और तबेले में घोड़ों की नाल ठोंकने का काम करने लगे.
जब इंडस्ट्री में साइलेंट फिल्में चलती थीं
महबूब खान के फिल्मों में निर्देशन की शुरुआत भी इत्तेफाक से हुई. दरअसल एक बार महबूब खान एक साउथ फिल्म की शूटिंग सेट पर घुस गए. फिल्म का निर्देशन चंद्रशेखर कर रहे थे. महबूब ने साथ काम करने की इच्छा जताई जिस पर उन्हें डायरेक्टर की रजामंदी भी मिल गई. मगर रोल बहुत छोटा मिला. इसके बाद धीरे-धीर उन्हें सपोर्टिंग रोल्स ही मिले. ये बात उस दौर की है जब इंडस्ट्री में साइलेंट फिल्में चलती थीं.
महबूब खान को ही पहले कास्ट किया था
बहुत कम लोग ही ये जानते होंगे कि जब भारत में पहली बोलती फिल्म आलम आरा बन रही थी तो उसके लीड रोल के लिए फिल्म के निर्देशक अर्देशिर ईरानी ने महबूब खान को ही पहले कास्ट किया था. मगर बात कुछ खास बनी नहीं. तमाम लोगों ने अर्देशिर को कहा कि पहली फिल्म है, इसमें ज्यादा एक्सपेरिमेंट करना ठीक नहीं है. इसके बाद फिल्म में रोल एक्टर विट्ठल ने प्ले किया.