#दूध में मिलावट की पहचान करने के तरीके
हाल में ही एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि दूध की खपत जितनी होती है उत्पादन उससे बहुत कम होता है. इससे एक आशंका पैदा होती है कि फिर दूध की आपूर्ति कैसे होती है. क्या नकली और मिलावटी दूध से इस मांग को पूरा किया जा रहा है?
उत्तरी राज्यों में दूध में मिलावट ज्यादा
एनीमल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया की मानें तो देश के दक्षिणी राज्यों के मुकाबले उत्तरी राज्यों में दूध में मिलावट ज्यादा होती है. इस मामले में आई एक रिपोर्ट कमोबेश इसी ओर इशारा करती है. दूध में मिलावट को लेकर कुछ साल पहले देश में एक सर्वे हुआ था. इसमें भी पाया गया कि दूध को पैक करते वक्त साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है. दूध में डिटर्जेंट की सीधे तौर पर मिलावट पाई गई थी. अहलूवालिया के मुताबिक, यह मिलावट सीधे तौर पर लोगों की सेहत को खतरा पहुंचा सकती है. मिलावटी दूध पीने वाले लोगों में अपंगता जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है.
ये तो हमने यह बताया कि दूध में मिलावट होती है. इसी वजह से मांग और उत्पादन में अंतर होता है. लेकिन हम यहां बता रहे हैं मिलावटी दूध को कैसे पहचान सकते हैं.
- सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए उसे सूंघें. अगर साबुन जैसी गंध आ रही है तो इसका मतलब है कि दूध सिंथेटिक है जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती.
- असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा लगता है.
- असली दूध स्टोर करने पर अपना रंग नहीं बदलता, जबकि नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पड़ने लगता है. दूध में पानी के मिलावट की पहचान के लिए दूध को एक काली सतह पर छोड़ें. अगर दूध के पीछे एक सफेद लकीर छूटे तो दूध असली है.
- अगर असली दूध को उबालें तो इसका रंग नहीं बदलता, वहीं नकली दूध उबालने पर पीले रंग का हो जाता है.
- दूध में पानी की मिलावट की जांच करने के लिए किसी चिकनी लकड़ी या पत्थर की सतह पर दूध की एक या दो बूंद टपकाकर देखें. अगर दूध बहता हुआ नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार सा निशान बन जाए तो दूध शुद्ध है.
- असली दूध को हाथों के बीच रगड़ने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती. वहीं, नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी.