शारीरिक कमजोरियों का शिकार होने लगाता है
भागदौड़ भरी जिंदगी में बिगड़ी दिनचर्या के कारण कोई भी व्यक्ति माइग्रेन की चपेट में आ सकता है। यह ऐसी बीमारी है जो पीडि़त को 24 घंटे दर्द में रखती है। इस वजह से पीडि़त शख्स थॉट लेवल गिरने लगता है और कई तरह की शारीरिक कमजोरियों का शिकार होने लगाता है।
कम नींद और ज्यादा स्ट्रेस नतीजा है माइग्रेन के तौर पर हमें भुगतना पड़ जाता है। गर्दन, पीठ और सिर की मांसपेशियों में सूजन आने और उनके अकड़ने से व्यक्ति 24 घंटे दर्द में रहता है। माइग्रेन के कारण सिर, गर्दन और पीठ में दर्द होता रहता है। इसके चलते आंखों, भौहों, कान के नीचे और शोल्डर में दर्द रहता है।
बेहद खतरनाक बीमारी है
चिकित्सकों के मुताबिक माइग्रेन बेहद खतरनाक बीमारी है। इसके चलते पीडि़त व्यक्ति की आंखों की रोशनी कम हो जाती है। इसके अलावा उसके सोचने-समझने की क्षमता पर भी असर पड़ने लगता है। हमेशा दर्द में रहने के कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा होने के साथ कमजोर भी हो जाता है। चिकित्सक मानते हैं कि माइग्रेन का सही समय पर समुचित इलाज न कराए जाए तो यह शरीर के लिए बेहद घातक हो जाता है।
इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए एलोपैथ के अलावा नैचुरल तरीका भी अपनाना चाहिए। क्रायोथैरेपी एक नैचुरल तरीका है जिसके जरिए शरीर की मांस पेशियों की सूजन और अकड़न दूर की जाती है।
कोल्ड थैरेपी भी कहा जाता है
क्रायोथैरेपी को कोल्ड थैरेपी भी कहा जाता है। इस थैरेपी का इस्तेमाल ज्यादातर स्पोर्ट्समैन या फिर एथलीट करते हैं। लंबे समय से शरीर में दर्द की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह थैरेपी रामबाण का काम करती है। इसके जरिए तनाव, स्ट्रेस, मांसपेशियों की स्वेलिंग, शरीर के किसी भी हिस्से की जकड़न और हर तरह के दर्द को दूर किया जा सकता है।