#MODI सरकार सख्त, एमजे अकबर पर बढ़ा दबाव
#MODI सरकार में विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर #MeToo अभियान के तहत उत्पीड़न मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार एमजे अकबर का नाम मी टू में आने पर सख्त हो गई है।
देना पड़ सकता है इस्तीफा
ऐसे में अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। अकबर फिलहाल नाइजीरिया दौरे पर हैं और उनके भारत वापिस आने के बाद ही इस पर कोई विचार होगा। केंद्र अकबर से इन आरोपों के बारे में हकीकत जानने के बाद ही कोई फैसला लेगी।
कांग्रेस ने की अकबर के इस्तीफे की मांग
इससे पहले कांग्रेस ने भी एमजे अकबर के मामले में न सिर्फ कांग्रेस ने मामले की जांच की मांग की है, बल्कि उनके इस्तीफे की भी मांग की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एमजे अकबर खुद आकर मामले पर सफाई दें या फिर इस्तीफा दें. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए.
महिला पत्रकारों ने लगाया है यौन उत्पीड़न के आरोप
- महिला पत्रकार के लगाए आरोपों के बाद केंद्र सरकार भी इस मामले को लेकर सख्त हैं और भाजपा नहीं चाहेगी कि पार्टी की छवि पर इसका कोई असर पड़े।
- पार्टी ने कहा कि अब तक कुल 9 महिलाओं ने अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं।
- यह घटनाएं उस समय की हैं जब वह अखबारों के संपादक थे। पार्टी का कहना है कि एक केन्द्रीय मंत्री पर इस तरह के आरोप लगने के बाद उनका सरकार में बने रहना स्वीकार्य नहीं है।
- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अकबर के मामले पर चुप्पी साध ली है।
- उल्लेखनीय है कि महिला पत्रकार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उसने लिखा कि एमजे अकबर ने जॉब इंटरव्यू के लिए उसे होटल के कमरे में बुलाया और शराब ऑफर की।
- इतना ही नहीं, एम जे अकबर ने महिला को बेड पर आने को भी कहा। हालांकि, महिला ने यह भी कहा कि वह उस दिन किसी तरह बच गई।