Mokshada Ekadashi 2023 : इस वर्ष 22 वर्ष को मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2023) है। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
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पितरों को मोक्ष की प्राप्ति
धार्मिक मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) करने से साधक के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली का आगमन होता है। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मोक्षदा एकादशी तिथि पर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। आइए, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व जानते हैं-Mokshada Ekadashi 2023
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शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 23 दिसंबर को सुबह 07 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 22 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी।
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पूजा विधि
मोक्षदा एकादशी के दिन ब्रह्म बेला में उठकर घर की साफ-सफाई करें। दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अगर सुविधा है, तो गंगा समेत पवित्र नदी में स्नान करें। इस समय आचमन कर व्रत संकल्प लें और पीले वस्त्र धारण करें। अब तिलांजलि करें। इसके लिए हथेली में तिल और जल लेकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। साथ ही बहती जलधारा में तिल प्रवाहित करें। इसके बाद पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। भगवान विष्णु को पीले रंग का फूल, फूल, चंदन, तिल, जौ, अक्षत, दूर्वा आदि अर्पित करें। इस समय पवित्र ग्रंथ गीता के एक अध्याय का अध्ययन और श्रवण करें। अंत में आरती कर सुख, समृद्धि और पूर्वजों को मोक्ष प्राप्ति हेतु कामना करें। दिन भर उपवास रखें। संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें। विशेष कार्य में सफलता प्राप्ति हेतु निर्जला उपवास भी रख सकते हैं।
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