नवरात्रि (Navratri) का पावन पर्व देशभर में मनाया जा रहा है। नवरात्रि (Navratri) के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि का तीसरे दिन मां के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा (mata Chandraghanta) को राक्षसों की वध करने वाला कहा जाता है। ऐसा माना जाता है मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है। माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है, जिस वजह से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते हैं।
उत्तर प्रदेश में फिर से #LOCKDOWN लगाने की योजना ! #CHAITRANAVRATRI : इन फूलों से प्रसन्न होती मां हैं… CHAITRA NAVRATRI: स्वार्थसिद्ध और अमृतसिद्ध योग हैं विशेष लाभकारी क्या आप भी करते हैं खाना खाते समय ये गलतियां तो… #HEALTH : गर्मी में इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही बॉडी को कूल भी रखती है लस्सी, जानिए फायदे #UTTARPRADESHNEWS : सीएम और पूर्व सीएम हुए कोरोना पॉजिटिव कोरोना संक्रमण को कैसे रोका जाए, #YOGISARKAR बना रही नया प्रोटोकाल
आइए जानते हैं नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा विधि, महत्व, मंत्र और कथा…
नवरात्रि तृतीय दिन पूजा विधि…
नवरात्रि (Navratri) के तीसरे दिन विधि- विधान से मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की अराधना करनी चाहिए। मां की अराधना उं देवी चंद्रघंटायै नम: का जप करके की जाती है। माता चंद्रघंटा (ma Chandraghanta) को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें। आप मां को दूध से बनी हुई मिठाई का भोग भी लगा सकती हैं। नवरात्रि के हर दिन नियम से दुर्गा चालीस और दुर्गा आरती करें।
मां चन्द्रघंटा का स्त्रोत मंत्र…
ध्यान वन्दे वाच्छित लाभाय चन्द्रर्घकृत शेखराम।
सिंहारूढा दशभुजां चन्द्रघण्टा यशंस्वनीम्घ
कंचनाभां मणिपुर स्थितां तृतीयं दुर्गा त्रिनेत्राम।
खड्ग, गदा, त्रिशूल, चापशंर पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्घ
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्यां नानालंकार भूषिताम।
मंजीर हार, केयूर, किंकिणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्घ
प्रफुल्ल वंदना बिबाधारा कांत कपोलां तुग कुचाम।
कमनीयां लावाण्यां क्षीणकटिं नितम्बनीम्घ
स्तोत्र आपद्धद्धयी त्वंहि आधा शक्तिरू शुभा पराम।
अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यीहम्घ्
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्ट मंत्र स्वरूपणीम।
धनदात्री आनंददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्घ
नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायनीम।
सौभाग्यारोग्य दायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्घ्
कवच रहस्यं श्रणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलानने।
श्री चन्द्रघण्टास्य कवचं सर्वसिद्धि दायकम्घ
बिना न्यासं बिना विनियोगं बिना शापोद्धरं बिना होमं।
स्नान शौचादिकं नास्ति श्रद्धामात्रेण सिद्धिकमघ
कुशिष्याम कुटिलाय वंचकाय निन्दकाय च।
#BREAKING : कानपुर में नाईट कर्फ्यू, 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पाबंदी, यह है पूरी जानकारी GORAKHPUR NEWS: सीएम योगी ने नाईट कर्फ्यू को लेकर डीएम को दिया निर्देश #BREAKING : डीसीएम पलटने से 10 की मौत पसीने की बदबू से छुटकारा पाने में मदद करेंगे ये घरेलू उपाय #KANPURNEWS : महिलाओं को विदेश में अच्छी नौकरी का देते थे झांसा, क्राइम ब्रांच ने दबोचा
पूजा का महत्व
मां चंद्रघंटा की कृपा से ऐश्वर्य और समृद्धि के साथ सुखी दाम्पत्य जीवन की प्राप्ति होती है।
विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
मां चंद्रघंटा की आरती
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।
#UTTARPRADESHNEWS : महामारी अधिनियम अब 30 जून तक प्रभावी, अधिसूचना जारी देश के इन शहरों में आज से लॉकडाउन,दिल्ली-UP में नाइट कर्फ्यू जारी, जानें कहां-कैसी पाबंदी शादी, समारोह-कार्यक्रम को लेकर #CMYOGI का नया आदेश CHAITRA NAVRATRI: इस तरह करें कलश स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त #SUPREMECOURT कोरोना की चपेट में, इतने कर्मचारी हुए संक्रमित #KANPURNEWS : TMC के पूर्व सांसद के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया केस