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Navratri 2024
नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा होती है. इनकी पूजा और उपासना करने से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं और व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. नवमी के दिन अगर इन्हीं देवी की पूजा कर ली जाए तो व्यक्ति को सभी देवियों की पूजा का फल मिल सकता है.
इस दिन कमल के पुष्प पर बैठी हुई देवी सिद्दिदात्री का ध्यान करना चाहिए और विभिन्न प्रकार के सुगंधित पुष्प उनको अर्पित करने चाहिए. साथ ही इस दिन देवी को शहद अर्पित करना चाहिए और “ॐ सिद्धिदात्री देव्यै नमः” का जाप करना चाहिए. इस बार मां सिद्धिदात्री की पूजा 18 अक्टूबर को की जाएगी.
ऐसे करें मां सिद्धिदात्री की पूजा…
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मां के समक्ष दीपक जलाएं.
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मां को नौ कमल के या लाल फूल अर्पित करें.
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इसके बाद मां को नौ तरह के खाद्य पदार्थ भी अर्पित करें.
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अर्पित किए हुए फूल को लाल वस्त्र में लपेट कर रखें.
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पहले निर्धनों को भोजन कराएं.
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इसके बाद स्वयं भोजन करें.
मां सिद्धिदात्री की पूजा से कैसे वरदान मिल सकते हैं…
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मां सिद्धिदात्री के अंदर सभी देवियां समाहित हैं.
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अगर नवरात्रि में केवल इन्हीं की पूजा कर ली जाए तो सम्पूर्ण नवरात्रि का फल मिल जाता है.
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इनकी पूजा से अपार वैभव की प्राप्ति होती है.
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साथ ही इनकी उपासना से व्यक्ति को समस्त सिद्धियां भी मिल जाती हैं.
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मां के इस स्वरूप की उपासना करने से व्यक्ति ग्रहों के दुष्प्रभाव से बच जाता है.
इस दिन हवन का विधान क्या है…–
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नवमी के दिन नवरात्रि की पूर्णता के लिए हवन भी किया जाता है.
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नवमी के दिन पहले पूजा करें, फिर हवन करें.
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हवन सामग्री में जौ और काला तिल मिलाएं.
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इसके बाद कन्या पूजन करें.
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कन्या पूजन के बाद सम्पूर्ण भोजन का दान करें.
किस लाभ के लिए किस चीज़ से हवन करें…
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आर्थिक लाभ के लिए- मखाने और खीर से हवन करें.
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कर्ज मुक्ति के लिए- राई से हवन करें.
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संतान सम्बन्धी समस्याओं के लिए- माखन मिसरी से हवन करें.
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ग्रह शान्ति के लिए- काले तिल से हवन करें.
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सर्वकल्याण के लिए-
काले तिल और जौ से हवन करें.
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