#Navratri2018 : शुरू होने वाले हैं नवरात्र, ऐसे करें पूजा की तैयारियां
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#Navratri2018 : नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू होने वाला है. शास्त्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान किया गया है. देवी के इन स्वरूपों की पूजा नवरात्रि में विशेष रूप से की जाती है. इस बार नवरात्र 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि के नौ दिन लगातार माता पूजन चलता है.
तो आइए जानें देवी के इस पावन पर्व पर कैसे करें पूजन की तैयारियां…
देवी पूजन की विशेष सामग्री :
- माता की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना के लिए चौकी.
- मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति.
- चौकी पर बिछाने के लिए लाल या पीला कपड़ा.
- मां पर चढ़ाने के लिए लाल चुनरी या साड़ी.
- नौ दिन पाठ के लिए ‘दुर्गासप्तशती’ किताब.
- कलश.
- ताजा आम के पत्ते धुले हुए.
- फूल माला या फूल.
- एक जटा वाला नारियल.
- रोली,
- सिंदूर.
- मौली (कलावा).
- चावल.
- पान.
- सुपारी.
- इलायची.
- लौंग.
- कपूर.
अखंड ज्योति जलाने के लिए:
- पीतल या मिट्टी का साफ दीपक.
- घी.
- लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती.
- दीपक पर लगाने के लिए रोली या सिंदूर.
- घी में डालने और दीपक के नीचे रखने के लिए चावल.
नौ दिन के लिए हवन सामग्री:
- हवन कुंड.
- आम की लकड़ी.
- हवन कुंड पर लगाने के लिए रोली या सिंदूर.
- काले तिल.
- चावल.
- जौ (जवा).
- धूप.
- चीनी.
- पांच मेवा.
- घी.
- लोबान.
- गुग्ल.
- लौंग का जौड़ा.
- कमल गट्टा.
- सुपारी.
- कपूर.
- हवन में चढ़ाने के लिए प्रसाद की मिठाई और नवमी को हलवा-पूरी.
- आचमन के लिए शुद्ध जल.
कलश स्थापना के लिए:
- एक कलश.
- कलश और नारियल में बांधने के लिए मौली (कलावा).
- 5, 7 या 11 आम के पत्ते धुले हुए.
- कलश पर स्वास्तिक बनाने के लिए रोली.
- कलश में भरने के लिए शुद्ध जल और गंगा जल.
- जल में डालने के लिए केसर और जायफल.
- जल में डालने के लिए सिक्का.
- कलश के नीचे रखने चावल या गेहूं.
जवारे बोने के लिए:
- मिट्टी का बर्तन.
- साफ मिट्टी (बगीचे की या गड्डा खोदकर मिट्टी लाएं).
- जवारे बोने के लिए जौ या गेहूं.
- मिट्टी पर छिड़कने के लिए साफ जल.
- मिट्टी के बर्तन पर बांधने के लिए मौली (कलावा).
माता के श्रंगार के लिए :
- लाल चुनरी.
- चूड़ी.
- बिछिया.
- बिंद्दी.
- इत्र.
- महावर.
- सिंदूर.
- मेहंदी.
- नेलपॉलिश.
- काजल.
- लिपस्टिक (लाली).
- चोटी.
- चोटी में लगाने वाला रिबन.
- गले के लिए माला या मंगल सूत्र.
- पायल.
- कान की बाली.
देवी पूजन में इन बातों का रखें ध्यान :
- तुलसी पत्ती न चढ़ाएं.
- माता की तस्वीर या मूर्ति में शेर दहाड़ता हुआ नहीं होना चाहिए.
- देवी पर दूर्वा नहीं चढ़ाएं.
- जवारे बोए हैं और अखंड ज्योति जलाई है तो घर खाली न छोड़ें.
- मूर्ति या तस्वीर के बाएं तरफ दीपक रखें.
- जूट या ऊन का आसन होना चाहिए.
- मूर्ति या तस्वीर के दायें तरफ जवारे बोएं.
- आसन पर बैठकर ही पूजा करें.
नवरात्रि के व्रत में इन बातों का रखना चाहिए खास ख्याल:
- नवरात्रि में नौ दिन का व्रत रखने वालों को दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए.
- इस दौरान बच्चों का मुंडन करवाना शुभ होता है.
- इस दौरान खाने में प्याज, लहसुन और नॉन वेज बिल्कुल न खाएं.
- नौ दिनों तक नाखून नहीं काटने चाहिए.
- नौ दिन का व्रत रखने वालों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
- अगर आप नवरात्रि में कलश स्थापना कर रहे हैं, माता की चौकी का आयोजन कर रहे हैं या अखंड ज्योति जला रहे हैं तो इन दिनों घर खाली छोड़कर नहीं जाएं.
- व्रत रखने वाले लोगों को बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- व्रत रखने वालों को नौ दिन तक नींबू नहीं काटना चाहिए.
- व्रत में नौ दिनों तक खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
- खाने में कुट्टू का आटा, समारी के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, फल, आलू, मेवे, मूंगफली खा सकते हैं.
- विष्णु पुराण के अनुसार, नवरात्रि व्रत के समय दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने से भी व्रत का फल नहीं मिलता है.