New Criminal Laws : देशभर में सोमवार से तीन नए आपराधिक कानून (Criminal Laws) लागू हो जाएंगे, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे और अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून भारतीय दंड संहिता की जगह अब भारतीय न्याय संहिता लागू हो गई है। New Criminal Laws
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बीएनएस में छेड़खानी की धारा 74 और धोखाधड़ी की धारा 318, 319 होगी। इसी तरह और भी धाराओं में बदलाव किया गया, जिसकी जानकारी रखना बेहद जरूरी माना जा रहा है। रविवार रात 12 बजे से तीनों नए कानून लागू हो गए, जिसके बाद जिले के सभी थानों में बीएनएस की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होगी।
कानूनों में प्रभावी होने के साथ ही इनमें शामिल धाराओं का क्रम भी बदल जाएगा। आइये जानते हैं आईपीसी की कुछ अहम धाराओं के बदलाव के बारे में? नए कानून में इन्हें किस क्रम में रखा गया है?
जानते हैं कि भारतीय न्याय संहिता में क्या बदला है?
भारतीय दंड संहिता में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में धाराएं 358 रह गई हैं। संशोधन के जरिए इसमें 20 नए अपराध शामिल किए हैं, तो 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई है। 83 अपराधों में जुर्माने की रकम भी बढ़ाई है। 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है। छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।
एक जुलाई की घटना से ही नई धारा-
अधिकारियों का कहना है कि एक जुलाई से नया कानून लागू हुआ है। ऐसे में एक जुलाई की तिथि पर घटना, दुर्घटना होने पर ही नए कानून की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। अगर 30 जून या उससे पहले की घटना दिनांक तहरीर में दर्शाई जाती है तो आइपीसी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होगी। अदालत के आदेश पर दर्ज होने वाली एफआइआर भी आइपीसी की धारा में लिखी जाएगी।
‘जीरो FIR’ के तहत केस दर्ज
‘जीरो एफआईआर’ से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो. इससे कानूनी कार्यवाही शुरू करने में होने वाली देरी खत्म होगी और मामला तुरंत दर्ज किया जा सकेगा.
वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य
नए कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे. दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी. नए कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है, राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है.
बच्चों को खरीदना, होगा बेचना जघन्य अपराध
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है, किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है.
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