RAHUL PANDEY
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भू जल के कम होने को बडी चुनौती बताई है, लेकिन भू जल के उपयोग को लेकर बनाए गए एक्ट की धज्जियां जमकर उडाई जा रही है। न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल, मेट्रो कंस्ट्रक्शन, ग्रीनपार्क, होटलों, अस्पतालों, स्कूलों, कारखानों आदि में बिना एनओसी (water NOC) के धडल्ले से भू जल का दोहन किया जा रहा है और अफसरों को इसकी जरा भी सुध नहीं है। No ground water NOC
No ground water NOC: भूगर्भ जल विभाग वैज्ञानिक डॉ. अविरल सिंह (Ground Water Department Scientist Dr. Aviral Singh) ने बताया कि न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल, ग्रीनपार्क, मेट्रो कंस्ट्रक्शन की ओर से कोई एनओसी नहीं ली गई है। सीएमओ कार्यालय लेटर भेजा जा रहा है। करीब सौ होटलों को एनओसी जारी की गई है। कारखानों और होटलों की ओर से आवेदन किए गए हैं जिसकी जांच की जा रही है।
भू जल चोरी रोकने में विभाग नाकाम
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400 अस्पतालों और 300 होटलों चल रहे (No ground water NOC)
शहर भर में करीब चार सौ अस्पतालों और तीन से अधिक होटल संचालित हैं। इनमें सौ होटलों ने अब तक भू जल एनओसी ले रखी है। वहीं अस्पतालों की ओर से कोई भी आवेदन नहीं किया गया है। इस संबंध में भू जल विभाग की ओर सीएमओ कार्यालय लेटर भेजा जा रहा है।
ग्रीनपार्क ने नहीं लिया एनओसी(No ground water NOC)
ग्रीनपार्क में इस समय यूपी टी 20 मैच चल रहा है। भू जल के उपयोग को लेकर अब तक एनओसी नहीं ली गई है। भूजल अधिकारी ने बताया कि जल उपयोग के लिए एनओसी लेना अनिवार्य है।
एनओसी लेने का प्रावधान (No ground water NOC)
मेट्रो कंस्ट्रक्शन को लेकर भू जल निकासी के एनओसी लेने का प्रावधान है, लेकिन बिना एनओसी लिए कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें कितना जल दोहन हो रहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। विकास के नाम पर संचित जल का दोहन किया जा रहा है।
सीएमओ को नहीं है जानकारी (No ground water NOC)
निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी के लिए भू जल उपयोग की एनओसी लेना अनिवार्य है, लेकिन बिना एनओसी के धडल्ले से रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। जो पुराने रजिस्टर्ड अस्पताल या नर्सिंग होम उनसे भी एनओसी नहीं ली जा रही है। वहीं जब इस संबंध में सीएमओ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जानकारी कर के बताया जाएगा।
एयरपोर्ट डायरेक्टर बोले,(No ground water NOC)
बीते रोज जिस एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था, वह बगैर भू जल के एनओसी के ही बना दी गई है। नियमानुसार भूजल विभाग से एनओसी लेना होता है ,जिसमें निकाले गए भूजल के बराबर रिचार्ज और पुनरूपयोग की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करना होता है। एयरपोर्ट डायरेक्टर संजय कुमार बोले, यूपी निर्माण निगम वालों ने निर्माण कराया उनको जानकारी होगी।
जाने नियम के बारे में (No ground water NOC)
अंडरग्राउंड वाटर लेवल को घटते देख शासन ने इस पर लगाम लगाने के लिए एक्ट बनाया है। वर्ष 2020 से प्रभावी इस नियम के तहत कॉर्मिशयल, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्रियल व घरों में लगे सबमर्सिबल, ट्यूबवेल की बोरिंग कराने से पहले भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद से एनओसी लेना कंपल्सरी कर दिया गया था। भूजल उपयोगकर्ता अब बिना पंजीयन और एनओसी के भूजल का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
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रेन वाटर हार्वेस्टिंग एनओसी की प्रमुख शर्त (No ground water NOC)
स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, मेट्रो स्टेशन, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, आवासीय संरचना, आफिस भवन, नेशनल हाइवे, अग्निशमन केंद्र, गोदाम, बिजनेस प्लाजा, मल्टीप्लेक्स, मॉल, अस्पताल, नर्सिंग होम, वाटर पार्क, होटल, रेस्टोरेंट, औद्योगिक, वाणिज्यक प्रतिष्ठानों, गेस्ट हाउस, बैंक्वेट हॉल, मैरिज होम, क्लब, व्यापार केंद्र के निर्माण को पानी निकालने को प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। यह पांच साल के लिए होगी। वैधता खत्म होने से 90 दिन पहले रिन्यूवल कराना होगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग इस एनओसी की प्रमुख शर्त है। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से आनलाइन है।
कारावास का प्रावधान (No ground water NOC)
उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम के तहत बिना पंजीकरण व अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति, समूह और संस्था के खिलाफ दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा छह माह से एक साल तक के कारावास का प्रावधान किया गया है।