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अब सिख महिलाएं अपनी मर्जी से पहनेंगी हेलमेट
प्रशासक ने जारी किया नोटिफिकेशन
ARTI PANDEY , Chandigarh
प्रशासन ने जुलाई 2018 में महिलाओं को दो पहिया वाहन चालने या बैठने के दौरान हेलमेट अनिवार्य के नोटिफिकेशन पर यू टर्न लेते हुए इसे सिख महिलाओं को वैकल्पिक कर दिया है। यानि अब सिख महिलाओं को दो पहिया वाहन चालने के दौरान हेलमेट पहनने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इसको लेकर प्रशासक ने सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसमें सिख महिलाओं के लिए हेलमेट वैकल्पिक किया गया है। इसको पहनना या न पहनना उनकी अपनी मर्जी होगी। इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट.1988 के रूल 193 में बदलाव किया गया है। वहीं सिख महिलाओं के अलावा अन्य महिलाओं और पुरुषों को हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर उनके चालान होगा। सिर्फ उन्हीं को छूट रहेगी जिनको सिर पर चोट या किसी अन्य कारण से मेडीकली एडवाइज्ड किया गया है। इसके लिए डीसी से लिखवाना होगा।
जुलाई में क्या था नोटिफिकेशन
जुलाई में प्रशासन की ओर से जारी नोटिफिकेशन में महिलाओं के लिए वाहन चलाने के दौरान हेलमेट अनिवार्य किया गया था। सिर्फ उन्हीं महिलाओं को इसमें छूट दी थी जो सिर पर पगड़ी या दस्तार बांधती हैं।
प्रशासन क्यों आया बैकफुट पर
दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय का निर्देश मानना यूटी प्रशासन के लिए मजबूरी बन गया । यही वजह है कि प्रशासन अपने ही आदेश को पलटकर सिख महिलाओं के हेलमेट पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। बता दें कि अक्टूबर को एमएचए ने प्रशासन के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें शहर के सभी महिला को हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। इस मामले में प्रशासन ने अपना बचाव करते हुए पब्लिक ओपीनियन मांगा था। अब जनता का जनादेश आने के बाद सिख महिलाओं को हेमलेट पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।
पूर्व सीएम मिले थे केंद्रीय गृहमंत्री से
यूटी प्रशासन के सभी महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य करने का फैसला लेते ही शिरोमणि अकाली दल सहित कई सिख संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। प्रशासक ने जब फैसला वापस लेने पर असहमति जता दी थी तो इसके बाद पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। उन्होंने सिख रहत मर्यादा का हवाला देते हुए इस फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया था। जिसके तुरंत बाद मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने दिल्ली की तर्ज पर सिख महिलाओं के लिए हेलमेट को वैकल्पिक करने को लिखा था।
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