ARTI PANDEY
बीते रोज हैलट (Hallett) के हड्डी रोग विभाग में इंजेक्शन लगने के बाद युवक की मौत मामले में वार्ड की नर्स को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं इस पूरे प्रकरण की जांच को लेकर हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एके गुप्ता की अगुवाई में गठित कमेटी करेगी। कमेटी 10 दिन में अपनी रिपोर्ट जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला को सौंपेगी। बता दें कि हड्डी रोग विभाग के वार्ड नंबर 17 में इंजेक्शन लगने के बाद रोगी बृजेश कुमार (32) की मौत हो गई थी।
हैलट में भर्ती घायल की इंजेक्शन लगते ही मौत
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एक्सपायरी इंजेक्शन मामले की जांच करेगी कमेटी
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वहीं अंदरखाने की माने तो शुरुआती जांच में मामला उलझता जा रहा है। वार्ड के रजिस्टर में जो तथ्य दर्ज हैं, उनके मुताबिक रोगी को सेफ्ट्राजोन एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाया गया है। इंजेक्शन लगने का समय भी दर्ज है। लेकिन रोगी के बेड पर जिस इंजेक्शन का वायल मिला है, वह बेहोशी की दवा का है। वह वायल रोगी के बेड पर कैसे आया? उस वक्त रोगी के पास परिजन भी नहीं थे। जब महिला तीमारदार पहुंची तो रोगी बेहोश था जिस देखकर उसने जूनियर रेजीडेंट को जाकर सूचना दी थी।
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गलियारे में कैमरे लगाए जाएंगे
प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि वार्ड नर्स को सस्पेंड कर दिया गया है। यह भी पता लगाया जाएगा कि बेहोशी की दवा जिसका वायल रोगी के बेड पर मिला, वह आया कहां से? इसकी सप्लाई हैलट में नहीं है। हैलट में वायल की जगह एम्प्यूल सप्लाई होते हैं। लेकिन वायल सरकारी सप्लाई का है। उन्होंने बताया कि वार्ड में कैमरा नहीं था लेकिन अब गलियारे में कैमरे लगाए जाएंगे जिससे वार्डों के अंदर आने-जाने वाले व्यक्ति के संबंध में पता लग सकेगा।
10 दिन में जांच के निर्देश
प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि जांच कमेटी गठित करके 10 दिन में जांच के निर्देश दिए हैं। इसमें हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक और सीएमएस को भी शामिल किया गया है। वहीं दूसरी तरफ पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर पुलिस ने विसरा, गुर्दा आदि अंगों के सैंपल फोरेंसिक जांच के वास्ते लिए हैं। इससे पता चल जाएगा कि रोगी के शरीर में कौनसी दवा दी गई थी।