On Which day to Worship Girl in Chaitra Navratri: नवरात्रि (Navratri) के दौरान कन्या पूजन का बहुत अधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने से मां दुर्गा जल्द प्रसन्न होती हैं। क्योंकि 10 साल से छोटी कन्या को देवी मां का ही रूप माना जाता है। इसलिए नवरात्रि के दिनों में छोटी कन्याओं को निमंत्रण देकर घर बुलाया जाता है और पैर धुलाकर विधिवत तरीके से भोजन कराकर दक्षिणा देने की परंपरा है। जानिए कन्या पूजन की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि। (On Which day to Worship Girl in Chaitra Navratri)
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कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त (On Which day to Worship Girl in Chaitra Navratri)
अष्टमी तिथि- 9 अप्रैल
नवमी तिथि- 10 अप्रैल
अष्टमी तिथि- 8 अप्रैल रात 11 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर 9 अप्रैल को देर रात 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगी।
नवमी तिथि- 10 अप्रैल को तड़के 1 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 11 अप्रैल को सुबह 03 बजकर 15 मिनट तक।
सुकर्मा योग- 9 अप्रैल सुबह 11 बजकर 25 मिनट से 10 अप्रैल दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- 9 अप्रैल सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त – 9 अप्रैल सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक।
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विधि (On Which day to Worship Girl in Chaitra Navratri)
महाष्टमी या फिर नवमी के दिन कन्या पूजन करना अच्छा माना जाता है। इसलिए कन्या पूजन के एक दिन पहले कन्याओं को आमंत्रण देना चाहिए। इसके लिए घर का कोई सदस्य कन्या के घर जाकर बुलावा दें। फिर अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं को चरणों को ठीक ढंग से दूध और पानी मिलाकर धोना चाहिए। इसके बाद उनके पैरों को साफ कपड़े से पोंछकर साफ जगह पर बैठा दें। इसके बाद कन्याओं के माथे में रोली, कुमकुम के साथ अक्षत का टीका लगाएं। फिर उनके हाथ में मौली बांधें और उन्हें आप चाहे तो चुनरी भी डाल सकते हैं। इसके बाद घी का दीपक जलाकर सभी की आरती करें। इसके बाद उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन कराएं। भोजन में आप हलवा, पूड़ी, चने, दही, जलेबी या फिर अपनी श्रद्धा के अनुसार कुछ भी खिला दें। भोजन कराने के बाद कुमारियों को अपनी योग्यता के अनुसार दक्षिणा दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। इसके बाद मां के जयकारे लगाते हुए भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और उन्हें सत्कार के साथ विदा करें।
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