Advertisements
योग्य इमारती उल्लंघनाओं के लिए एक मुश्त निपटारे की सहमति
ARTI PANDEY , Chandigarh
कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाले पंजाब मंत्रीमंडल ने इमारतों के ढांचों की सुरक्षा और आग से बचाव सम्बन्धी मापदण्डों के साथ समझौता किये बिना राज्य में 30 जून, 2018 तक अनाधिकृत निर्माण के मामले में नियमित न करने योग्य इमारती उल्लंघनाओं के लिए एक मुश्त निपटारे को स्वीकृति दे दी है।
बिना किसी पक्षपात से लागू होगा
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार आज की मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान म्युनिसिपल क्षेत्रों में इमारती नियमों का उल्लंघन करके बनाई गई इमारतों के लिए ‘द पंजाब वन टाईम वलंटरी डिसक्लोजऱ एंड सेटलमेंट ऑफ वायलेशन ऑफ द बिल्डिंग्ज आर्डीनैंस -2018’ को जारी करने के लिए परवानगी दी गई है। इसका उद्देश्य पार्किंग, आग और सुरक्षा मापदण्डों के साथ पिछले सालों के दौरान बनीं अनाधिकृत इमारतों जिनको इस समय ढहाना संभव नहीं है को यकीनी बनाना है। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मीटिंग के दौरान बताया कि सी.एल.यू. के उल्लंघन के लिए एक अलग एक मुश्त निपटारा नीति बारे भी उनका विभाग कार्य कर रहा है। इस मुद्दे को खाद्य मंत्री भारत भूषण आशु ने उठाया था।ऑर्डीनैंस के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसने 30 जून, 2018 तक नियमित न करने योग्य इमारती उल्लंघन किया है, वह अपने तौर पर इस उल्लंघन को दर्शा सकता है और इस सम्बन्ध में ऑनलाईन निवेदन दे सकता है जिसमें उसे इमारत की फोटो भी भेजनी होगी। वह यह निवेदन तीन महीनों में समर्थ अथॉरिटी को भेज सकता है। इसके बाद निवेशक दो महीनों में अपेक्षित सूचना /दस्तावेज़ /प्लान और निर्धारित अजऱ्ी फ़ीस जमा कराएगा।
यह स्पष्ट किया गया है कि जहाँ सम्बन्धित अधिकारी या म्युनिसिपल कार्पोरेशन या म्युनिसिपल कौंसिल या नगर पंचायत या इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के कर्मचारियों की तरफ से अनुशासनीय कार्यवाही शुरू की गई है और जो ऐसे उल्लंघन के लिए जि़म्मेदार पाए गए हैं, के लिए भी एक मुश्त निपटारा बिना किसी पक्षपात से लागू होगा।
नियमित न करने योग्य ग़ैर -रिहायशी इमारती उल्लंघन
रिहायशी प्लाटों पर बनी इमारतों में नियमित न करने योग्य इमारती उल्लंघनाएँ जिनका स्व -इच्छुक प्रकटाव होगा, उनका समर्थ अथॉरिटी की तरफ से ‘जैसे है जहाँ है’ के आधार पर मौके पर पड़ताल करके निपटारा किया जायेगा। इसकी अधिक से अधिक ऊँचाई 50’-0’’ है। सभी मंजिलों पर नियमित न करने योग्य क्षेत्र इस आर्डीनैंस अधीन नियमित किया जा रहा है। इसके लिए 300 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से एक मुश्त निपटारा फ़ीस देनी होगी। यह अमृतसर, जालंधर और लुधियाना म्यूंसिपल कार्पोरेशन और इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों के मामले में होगी। बाकी म्यूंसिपल कार्पोरेशनों और इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों और सभी म्यूंसिपल कांऊसलों और नगर पंचायतों में यह राशि 200 रुपए प्रति वर्ग फुट होगी।
अमृतसर, जालंधर और लुधियाना क्षेत्रों में नियमित न करने योग्य ग़ैर -रिहायशी इमारती उल्लंघनाओं के मामले में जहाँ आग से बचाव और सार्वजनिक सुरक्षा/सिक्योरिटी और सार्वजनिक सुविधाओं के साथ समझौता किया गया है के अलावा इसी तरह का निपटारा 1000 रुपए वर्ग फुट की फ़ीस के साथ होगा जबकि दूसरे स्थानों पर 600 रुपए प्रति वर्ग फुट के साथ होगा।
पेश करनीं होंगी ज़रूरी मंजूरियां
संस्थागत इमारतों के मामले में यह फ़ीस उपरोक्त चार्जि़स का 75 प्रतिशत होगी जबकि ग़ैर -रिहायशी इमारतों और औद्योगिक /धार्मिक इमारतों के लिए यह 40 फ़ीसद होगी। यह चार्जि़स स्वीकृति योग्य तल क्षेत्र अनुपात (एफ़.ए.आर.) के अधिकतक 50 प्रतिशत ज़्यादा होंगे और अतिरिक्त एफ़.ए.आर. के लिए उपरोक्त चार्जि़स का 50 प्रतिशत (अधिकतम 75 प्रतिशत तक) का दुगना होगा।आग सुरक्षा और पार्किंग की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ज़रूरत के अनुसार निवेशक इमारत के ढांचों में तबदीली कर सकते हैं। उनको ऐसा धारा 4 (2) के अनुसार फॉर्म में विस्तृत जानकारी देकर इसको पेश करने की तारीख़ के दो महीने के अंदर करना होगा और इसलिए अन्य विभागों से ज़रूरी मंजूरियां भी पेश करनीं होंगी।
देना होगा पार्किंग सैस
जिन मामलों में अनाधिकृत इमारतें पार्किंग नियम पूरी नहीं करती उस मामले में निवेदकों की विनती या निवेदकों के ग्रुप की तरफ से वैकल्पिक पार्किंग जगह मुहैया करवानी होगी जो उससे 250 मीटर की ज़्यादा दूरी पर न हो और यह जगह सिफऱ् पार्किंग के लिए ही रखी हो। यह पार्किंग पटे पर भी हो सकती है जो लगातार 10 साल से कम समय का न हो।
जिस मामले में निवेशक पार्किंग की जगह मुहैया कराने में असफल रहता है उसमें निवेशक को पार्किंग सैस देना होगा जो ज़मीन के मौजूदा कुलैक्टर दरों के बराबर होगा।
तबदीली करने में असफल रहते हैं
अनाधिकृत इमारतों के मामले में जो व्यक्ति उल्लंघन के निपटारे के लिए निवेदन नहीं देते और या अपनी ज़रूरतों को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए इमारती ढांचों में तबदीली करने में असफल रहते हैं, उनके जल स्पलाई /सिवरेज कनैक्शन बिना कोई अन्य नोटिस के काट दिए जाएंगे इसके बाद इमारत को मालिक के खर्चे पर सील कर दिया जायेगा और गिरा दिया जायेगा।
Loading...