नए नियम के मुताबिक ऑनलाइन कंपनियां किसी भी प्रोडक्ट को एक्सक्लूसिव तरीके से नहीं बेच पाएंगी. कहने का मतलब ये है कि फ्लिपकार्ट या अमेजन जैसी ऑनलाइन कंपनियां, जो मोबाइल या दूसरे प्रोडक्ट की एक्सक्लूसिव सेल करती हैं, अब उसका फायदा आपको नहीं मिलेगा. ये नियम 1 फरवरी, 2019 से लागू होंगे.
कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ऑनलाइन रिटेल कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रोडक्ट और सर्विसेज की कीमतों को प्रभावित नहीं कर सकती हैं और उन्हें अपने प्लेटफार्म पर लेबल प्लेइंग फील्ड (हर किसी को उचित मौका देना) बरकरार रखना होगा. इन सर्विसेज में फुलफिलमेंट, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और पेमेंट शामिल है. इसके साथ ही कंपनियों द्वारा खरीदारों को दिए जाने वाले कैशबैक उचित और बिना भेदभाव के होने चाहिए.
इसके अलावा ऑनलाइन रिटेलर्स को हर साल 30 सितंबर तक रिजर्व बैंक के पास ऑडिटर का सर्टिफिकेट जमा कर बताना होगा कि कंपनी ने सभी नियमों का पालन किया है. यह फैसला ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं द्वारा की गई कई शिकायतों के बाद लिया गया है. बता दें कि खुदरा विक्रेताओं ने आरोप लगाया गया है कि ऑनलाइन रिटेलर भारी छूट दे रहे हैं, जिससे उनके कारोबार को नुकसान पहुंच रहा है