HighCourt Said: मिर्जापुर के परमहंस आश्रम के पास 23 नवंबर 2014 को हुई दुर्घटना के मामले में मृत लेखपाल की पत्नी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत दी है। कोर्ट ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण केआदेश को रद्द करते हुए याची को 46 लाख, दो हजार, 120 रुपये दुर्घटना दावा भुगतान करने का आदेश दिया है। (HighCourt Said)
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बीमा कंपनी को मुआवजे की रकम याचिका दाखिल करने के समय से साढ़े सात फीसदी ब्याज की दर से भुगतान करनी होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर, न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने मीनाक्षी श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
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सड़क हादसे में हो गई थी मौत (HighCourt Said)
याची दुर्घटना का शिकार हुए व्यक्ति की पत्नी है, जो कि लेखपाल थे। रिकॉड के मुताबिक लेखपाल पथखुरा से अपने घर जा रहे थे। परमहंस आश्रम के पास मिनी बस की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए। उपचार केदौरान उनकी मौत हो गई। मामले में मोटर वाहन दुर्घटना न्यायाधिकरण ने सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। याची की ओर से हाईकोर्ट में न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी गई थी। याची की ओर से तर्क दिया गया कि न्यायाधिकरण का आदेश एकतरफा है। उसने गलत आदेश पारित किया।
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12 सप्ताह में याची को रकम देने का आदेश (HighCourt Said)
प्रतिवादी का तर्क था कि उसका वाहन दुर्घटना में शामिल नहीं था। मिर्जापुर से गाजीपुर और उनका वाहन उस स्थान पर नहीं हो सकता था जहां दुर्घटना हुई थी। यह भी कहा गया कि लेखपाल ने लापरवाही की थी और वह बस से टकरा गए थे। कोर्ट ने कहा कि फैसले को खारिज करने से पहले बीमा कंपनी के लिखित बयान को न्यायाधिकरण द्वारा देखा जाना चाहिए था और वरिंदरजीत सिंह बनाम में आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए था।
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अलग-अलग मदों की अलग-अलग मुआवजा राशि तय (HighCourt Said)
कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी ने स्वीकार किया कि दुर्घटना उसके वाहन से हुई थी। याची और उसकी तीन नाबालिग पुत्रियां उस पर आश्रित थीं। लिहाजा, प्रतिवादियों को दावे का मुआवजा देना होगा। कोर्ट ने अलग-अलग मदों की अलग-अलग मुआवजा राशि तय करते हुए कुल 46 लाख रुपये से अधिक की रकम तय की। कोर्ट ने कहा कि यह रकम याची को 12 सप्ताह में देनी होगी।
(HighCourt Said)